अमरावती/प्रतिनिधि दि.१७ – कोरोना काल में अनेक होटल, प्रतिष्ठान और कुछ दूध डेयरियां बंद रहने से व निजी दूध डेयरी में ज्यादा दूध की खरीदी नहीं किये जाने से डेयरी व्यवसायियों ने दूध की खरीदी में दिलचस्पी लेना बंद कर दिया है. लेकिन सरकारी दूध विकास यंत्रणा के दुग्ध संकलन में हर रोज लगभग दो हजार लिटर दूध की आवक बढ़ने की जानकारी जिला दुग्ध विकास अधिकारी गिरीश सोनोने ने दी.
यहां बता दें कि जिले में मार्च माह में विकेन्ड लॉकडाऊन लगाया गया था. वहीं हाल की घड़ी में भी 15 दिनों का लॉकडाउन जारी है. जिसका परिणाम अनेक होटलों पर हो रहा है. मिठाईयों की खरीदी नहीं होेने से होटल व्यवसायियों ने दूध खरीदना बंद कर दिया है. इसके अलावा दूध डेयरी व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है. तहसील दुग्ध संघ व जिला दुग्ध संघ की ओर से दूध का संकलन किया जा रहा है. सरकारी दरों के अनुसार दूध की खरीदी की जा रही है. आमतौर पर जनवरी माह में 2487 लिटर औसतन रोजाना दूध की आवक थी. फरवरी माह में वह 2100 लिटर पर पहुंची वहीं अब अप्रैल माह में आवक 4 हजार लिटर तक पहुंच गई है. आठ तहसील दुग्ध संकलन संघ व 20 जिला दुग्ध संघ की ओर से दूध की खरीदी की जा रही है. इसके बाद यह दूध जिला दुग्ध विकास कार्यालय में भेजा जा रहा है. यहां पर दूध प्रक्रिया कर पैकेट बंद दूध तैयार कर दुग्ध संघ की ओर से नियुक्त की गई एजंसी के जरिए बेचा जा रहा है. हजार लिटर दूध पाउडर बनाने के लिये भंडारा जिले के शासकीय दूग्ध उत्पादन संघ की ओर भेजा जा रहा है.
3.5 व 8.5 एसएनएफ रहने वाले गाय के दूध की खरीदी शासकीय दुग्ध संघ की ओर से 25 रुपए दर से की जा रही है. दुग्ध उत्पादक किसानों को शासकीय यंत्रणा व्दारा दूध की खरीदी किये जाने से राहत मिली है. लेकिन निजी दूध डेयरी के मार्फत दूध उत्पादक पशु पालकों को बेहतर दाम मिलते है. लेकिन निजी दूध डेयरी संचालकों ने दूध की खरीदी में दिलचस्पी नहीं दिखाने से पशुपालक दुग्ध संघ को दूध बेच रहे हैं.
हाल की घड़ी में दूध की आवक बेहतर है. कोरोना के चलते दूध डेयरी व होटल चालकों की ओर से दूध की खरीदी में अनियमितता बरती जा रही है. बावजूद इसके सरकारी दाम में पशु पालकों का दूध खरीदा जा रहा है. दुग्ध संघ इसका संकलन कर रही है. दूध की आवक बढ़ना काफी अच्छे संकेत है.
– गिरीश सोनोने, जिला दुग्ध विकास अधिकारी