धामनगांव रेल्वे /दि.19– पेट्रोल के भाव इन दिनों आसमान छु रहे है. इन बातों से छुटकारा पाने के लिए उपाय एक किसान पुत्र ने खोज निकाला है. तहसील के वाघोली गांव के सुबोध नितेश भगत इस देशी रैंचो व्दारा किए गए अफलातुन जुगाड (आविष्कार) देख कर ऐसा लगता है कि अगर यह गाडी अगर बाजार में आ गई तो ऐसी स्थिती में इलेक्ट्रानिक बाईक बनाने वाली कंपनी को काफी पिछे जाना पड सकता है. इस छात्र ने जुगाड गाडी के बाद ई-बाईक बनाई है. इस बाईक को गेयर है. वैसे ही चालु गाडी में बैटरी भी स्वयं चार्ज होती है.
वेस्ट से बेस्ट वस्तु बनाना भी एक कौशल्य है. अपने गतिशील विचारों से प्रेरित करने वाली एक प्रेरणा है. इस्तेमाल करों और फेकों, इस संकल्प को आगे बढाने के चलते अपनी शाला जाने के लिए के किसी तरह की कोई सुविधा न होने के चलते स्थानीय सेफला हाईस्कूल व कनिष्ठ महाविद्यालय के विद्यार्थी व्दारा भंगार से इंजन लेकर चार पहिया बनाई. इस जुगाड गाडी के बाद उसने ई-बाईक बनाई. ई-बाईक बनाने के लिए उसे तीस हजार रुपये खर्च आए. बनी हुई ईलेक्ट्रानिक गाडी देखने के लिए व गाडी की राईड मारने के लिए युवकों की वाघोली गांव में भीड दिखाई पड रही है.
* बैटरी स्वयं होती है चार्जिंग
पेट्रोल व डिजल की गाडियों के मैन्टनेंस बहुत ज्यादा है. जिसके कारण पहली बार गेयर वाली ई-बाईक तैयार की गई है.इसे चालू गाडी की बैटरी स्वयं चार्जिंग होती है. इसके लिए पिता निलेश भगत, दादा गौतम भगत, मार्गदर्शक शिक्षक राम बावसकर से मदद मिली है.
सुबोध भगत छात्र, वाघोली
ईंधन के बिना ही इलेक्ट्रिक गाडी चलती है. जिसके कारण र्ईंधन खर्च, पर्यावरण शुध्द रखने चार्जिंग के लिए लगने वाली बिजली व समय ऐसे अनेक प्रकार से बचत होती है. 100 प्रतिशत मुफ्त चलने वाली ई-बाईक सुबोध भगत ने तैयार की है. उसके इस अविष्कार को महाविद्यालय की ओर से निश्चित रुप से प्रोत्साहन दिया जाएगा.
प्रशांत शेंडे, प्राचार्य, सेफला हाईस्कूल व कनिष्ठ महाविद्यालय