अमरावती

ई-चालान ने बढाया पुलिस का सिरदर्द

ग्रामीण क्षेत्रों में मशीन को कनेक्टीविटी ही नहीं मिलती

* नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनधारक दंड ही नहीं भरते
* प्रक्रिया में लगता है काफी अधिक समय, अपडेशन की जरुरत
अमरावती/दि.21– यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले और कही पर भी वाहन पार्क करने वाले वाहनधारकों के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु यातायात पुलिस द्वारा ई-चालान पद्धति का अवलंब किया जाता है. जिसके लिए ई-चालान के जरिए संबंधित वाहनधारकों पर दंड लगाया जाता है. परंतु अब यहीं ई-चालान वसूली पुलिस के लिए सिरदर्द साबित हो रही है.
उल्लेखनीय है कि, यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर मोबाइल के जरिए फोटो निकाले जाने को लेकर वाहन चालकों द्वारा आक्षेप लिया जा रहा था. जिसके चलते ई-चालान मशीन लायी गई. परंतु जिले के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में ई-चालान मशीन को इंटरनेट की कनेक्टीविटी ही नहीं मिलती. जिसके चलते ई-चालान जारी करने और दंड वसूल करने की प्रक्रिया में काफी अधिक समय लगता है. वहीं दूसरी ओर नोटीस की अनदेखी करने वाले वाहन मालिकों की ओर चालान की रकम काफी बडे पैमाने पर बकाया है. जिसे वसूल करना भी यातायात पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

* ग्रामीण में 50 ई-चालान मशीनें
जिले की ग्रामीण यातायात पुलिस शाखा की ओर कुल 50 ई-चालान मशीनें है तथा हाल फिलहाल के दिनों में ही ग्रामीण के यातायात पुलिस कर्मी को कार्रवाई हेतु ई-चालान मशीनें उपलब्ध कराई गई है.

* मोबाइल से फोटो निकालना भी ठीक था
इससे पहले यातायात पुलिस कर्मियों द्वारा अपने मोबाइल से वाहनधारक का फोटो निकाला जाता था. वहीं अब ई-चालान मशीनें आ गई है. जो सिरदर्द साबित हो गई है. जिसके चलते कहा जा रहा है कि, यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनधारकों का मोबाइल से फोटो निकालने वाला तरीका ही ज्यादा बेहतर था.

* 10 माह में 1.75 लाख वाहन चालकों पर ई-चालान मशीन से कार्रवाई
ग्रामीण यातायात शाखा ने जारी वर्ष में जनवरी से अक्तूबर तक 10 माह के दौरान 1.75 लाख से अधिक वाहनधारकों को ई-चालान के जरिए दंड लगाया. यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई है.

* मशीन में क्या है दिक्कतें?
– ई-चालान मशीन में अमूमन इंटरनेट की कनेक्टीविटी नहीं मिलती और अगर कनेक्टीविटी मिल भी गई, तो भी प्रोसेस के लिए काफी अधिक समय लगता है.
– आरटीओ और डीजी ऑफिस की वेबसाइट पर ई-चालान जल्दी अपलोड नहीं होता.
– दूसरे दिन ई-चालान के अपलोड होने पर उसे लेकर वाहन चालक द्वारा आक्षेप लिया जाता है.

* 8.50 करोड में से केवल 20 फीसद रकम वसूल
ग्रामीण यातायात पुलिस ने जनवरी से अक्तूबर तक 10 माह के दौरान ई-चालान के जरिए 8.50 करोड रुपयों से अधिक दंड लगाया. जिसमें से केवल 20 फीसद रकम वाहन चालकों द्वारा भरी गई. वहीं 80 फीसद रकम अब तक अनपेड बची हुई है.

* कनेक्टीविटी नहीं मिलने से समस्या
ई-चालान मशीन को कभी-कभी इंटरनेट की कनेक्टीविटी नहीं मिलती. जिसके चलते चालान जनरेट होने में विलंब होता है. परिणाम स्वरुप ऐसे चालान डीजी ऑफिस व आरटीओं के पास काफी देर से अपलोड होते है.
– गोपाल उंबरकर,
यातायात पुलिस निरीक्षक,
ग्रामीण यातायात शाखा

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