राशन वितरण में गडबडी रोकने कारगर है ‘ई-पॉस’ व्यवस्था
अन्न आपूर्ति विभाग द्वारा अमल में लाया जा रहा उपक्रम
अमरावती/दि.30– सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत लाभार्थियों को दिये जानेवाले अनाज और वितरित किये गये अनाज की जानकारी ऑनलाईन दी जाती है. ऐसे में किसी भी लाभार्थी की अज्ञानता या भोलेपन का फायदा उठाकर कोई दूसरा ही व्यक्ति अनाज उठा सकता है. इस बात के मद्देनजर राज्य आपूर्ति विभाग द्वारा ‘ई-पीओएस’ यानी ‘ई-पॉस’ नामक ऑनलाईन व्यवस्था उपलब्ध कराई है, ताकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत किसी भी तरह की गडबडी को रोका जा सके.
बता दें कि, सार्वजनिक वितरण व्यवस्था अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी के लिए अनाज का कोटा मंजुर किया जाता है. जिसके अनुसार अनाज का वितरण होता है. हकीकत में लाभार्थी द्वारा कभी इस बात की जांच-पडताल ही नहीं की जाती कि, उसके लिए अनाज का कितना कोटा मंजूर है और उसे कितना अनाज मिल रहा है. ऐसे में किसी लाभार्थी के राशनकार्ड हेतु आवंटित अनाज किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा उठाये जाने की पूरी संभावना होती है. ऐसे में राशन वितरण में होनेवाली गडबडी को टालने के लिए लाभार्थियों का सजग व सतर्क रहना जरूरी होता है. वही किसी भी तरह की गडबडी को टालने और अनाज वितरण के कार्य में पारदर्शकता रखने के लिए आपूर्ति विभाग द्वारा अब ‘ई-पॉस’ प्रणाली के मार्फत राशन दुकानों से राशन का वितरण किया जा रहा है.
* क्या है ‘ई-पॉस’ प्रणाली
सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के तहत सरकार ने सभी राशन दुकानों पर ई पॉस मशीन उपलब्ध कराई है. जिस पर राशन कार्ड धारक लाभार्थी को अपना अंगूठा लगाना होता है और अंगूठे के निशान का मिलान होने के बाद ही संबंधित लाभार्थी को उसके लिए मंजूर अनाज यानि राशन दिया जाता है.
रसीद पर अनाज का पूरा ब्यौरा
लाभार्थी द्वारा अनाज लिए जाने के बाद उसे ई पॉस मशीन से एक रसीद दी जाती है. जिस पर लाभार्थी द्वारा खरीदे गए अनाज और उसकी रकम का पूरा ब्यौरा दर्ज रहता है. इस रसीद को लाभार्थी द्वारा जांचे जाने की जरुरत रहती है.
केवल गेहूं व चावल मिलने की गारंटी
राशन कार्ड धारकों को सरकारी राशन दूकानों से गेहूं व चावल तो हमखास मिलता ही है, लेकिन इसके साथ शक्कर, तेल व दाल का भी मंजूर नियतनानुसार वितरण किया जाता है. हालांकि यद्यपि गेहूं व चावल मिलने की तो गारंटी है लेकिन अन्य वस्तुएं मिलने की निश्चित गारंटी नहीं दी जाती.
एक साल में कितना अनाज उठाया, इसका ब्यौरा एक क्लिक पर
किसी भी लाभार्थी द्वारा एक साल के दौरान कितना अनाज सरकारी राशन दूकान से उठाया गया, इसकी जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होती है. इसके लिए डब्ल्युडब्ल्युडब्ल्यु डॉट एमएएचएईपीओएस डॉट जीओवी डॉट इन इस वेबसाइट पर जाकर जानकारी हासिल करनी होती है.
जानकारी में फर्क रहने पर आपूर्ति विभाग से करें संपर्क
लाभार्थी द्वारा सरकारी राशन दूकान से उठाये गए अनाज और उसके लिए मंजूर अनाज की मात्रा में यदि कोई फर्क रहता है तो इसके लिए जिला आपूर्ति कार्यालय में शिकायत की जा सकती है. ऐसी शिकायतों की जांच करते हुए संबंधित लाभार्थी को न्याय दिलाये जाने का प्रयास किया जाता है.
पारदर्शकता के लिए उपक्रम
राशन अनाज की वितरण प्रणाली में पारदर्शकता आये, इस हेतु ईपीओएस की ऑनलाइन प्रणाली को शुरु किया गया है. जिसके जरिए हर राशन कार्ड धारक के लिए कितना अनाज आवंटित होता है और उसके द्वारा कितना अनाज उठाया जाता है, इसकी जानकारी इस प्रणाली के जरिए मिलती है. ऐसे में सस्ते सरकारी राशन अनाज की वितरण प्रक्रिया में कही पर भी किसी तरह की गड़बड़ी होने की संभावना नहीं रहती. ऐसा अन्न आपूर्ति विभाग के सूत्रों द्वारा बताया गया है.