भंगार से ई-स्कुटर का अविष्कार
अमरावती/ दि. 9- शैक्षणिक संस्था व औद्योगिक कंपनी के संयुक्त तत्वावधान में युवकों के रोजगार को गति देने का काम सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ का तकनीकी विभाग कर रहा है. इस सामूहिक प्रयास से कबाड़ को श्रृंगार करते हुए ई- वाहन निर्मिति का अविष्कार किया दिखाई दिया. अमरावती के सुपुत्र सुमेध उद्धवराव रामटेेके और सुप्रिया सुमेध रामटेके की संकल्पना से यह साकार हुआ. इससे संशोधन का क्षेत्र कितना उज्वल साबित हो सकता है, यह दिखाई देगा. इसके लिए आवश्यकता है इच्छाशक्ति और मेहनत की.
तकनीकी विभाग के माध्यम से विविध पदविका अभ्यासक्रम से विद्यार्थियों को प्रकल्प केंद्रीत शिक्षा दी जा रही है. इससे प्रशिक्षण लिये विद्यार्थियों ने कबाड़ दुपहिया से ई-स्कुटर तैयार की. इससे निश्चित रुप से उद्योग विकास को गति मिलेगी. इसके लिए सुमेध रामटेके को डॉ. आनंद अभ्यंकर, प्रा. रोहित भानुशाली, प्रा. विवेक बावधाने जैसे तज्ञ मार्गदर्शकों का सहयोग मिला.
शिक्षा प्रणाली के कारण युवकों के करियर को दिशा
व्यवसायाभिमुख शिक्षा प्रणाली के कारण आज के युवकों के करिअर को दिशा दी जा रही है. बैटरी पर चलने वाले वाहन निर्माण करने वाली कंपनियों की तरफ से नये स्पेअर पार्ट का इस्तेमाल कर ई-वाहन तैयार किये जाते हैं. लेकिन पेट्रोल पर चलने वाले और बंद अवस्था में रहे वाहनों का क्या करना? इस बाबत ज्यादा विचार होता नहीं दिखाई देता. लेकिन तकनीकी विभाग की तरफ से बंद पड़े वाहनों पर विविध प्रयोग कर ई-स्कुटर की निर्मिति की जा रही है. इस कारण पेट्रोल महंगा होने से और पेट्रोल समाप्त होने पर इन वाहनों का क्या करना? यह प्रश्न समाप्त हो सकता है. इस गाड़ी की क्षमता प्रति चार्जिंग 4 कि.मी. है. पुरानी गाड़ी की तुलना में इलेक्ट्रीक गाड़ी का वजन 16 से 20 किलो कम है. दो दिन में ही यह गाड़ी तैयार होती है.
– सुमेध रामटेके, आईटी विशेषज्ञ
छात्राओं को भी रोजगार का अवसर
प्रयोगशील प्रकल्प पूरा करने पर विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ता है और स्कील अपग्रेड होती है. इसका लाभ उन्हें अच्छी नौकरी मिलना और खुद का व्यवसाय करने के लिए होता है. इस क्षेत्र में छात्राओं द्वारा अधिक से अधिक संख्या में नाम उज्वल किया जाये. विद्यापीठ की व्यवसायाभिमुख शिक्षा प्रणाली के कारण युवकों के करिअर को आकार व दिशा मिल रही है.
– सुप्रिया रामटेके, महिला उद्योजिका