अमरावती/दि.30 -गोवंश का जतन कर उनकी तस्करी व कटाई रोकने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र की तज्र पर कदम उठाया है. 31 मार्च तक सभी पशुओं का इयर टैगिंग करके उनका पंजीयन भारत पशुधन प्रणाली पर करना सरकार ने अनिवार्य किया था. इसके अनुसार जिले के 5 लाख 94 हजार पशुधन का इयर टैगिंग किया गया है.
इयर टैग नहीं रहने वाले पशुधन की खरीदी-बिक्री नहीं की जा सकेगी. तथा प्राकृतिक आपदा, बिजली का करंट, वन्य पशु के हमले के कारण पशुधन की मृत्यु होने पर सरकार द्वारा नुकसान भरपाई भी नहीं मिलेगी, किंतु टैगिंग के कारण सभी पशुधन का डेटा बेस तैयार होने वाला है. और तस्कर, अवैध कटाई को रोक लगने में मदद होगी. तथा केंद्र सरकार के इयर टैगिंग के कारण पशुओं में फैलने वाले संक्रामक रोग की जानकारी मिलना संभव होगा. पशुसंवर्धन विभाग द्वारा नेशनल डिजिटल लाइव स्टॉक मिशन अंतर्गत भारत पशुधन यह प्रणाली शुरु की है. इस प्रणाली में पशुधन को इयर टैंगिग किया जाता है. और पशु का एक 12 अंकी कोड तैयार किया जाता है. जिससे उस पशु की जन्म-मृत्यु से लेकर प्रतिबंधात्मक टीकाकरण, औषधोपचार, वंध्यत्व उपचार व मालिकाना अधिकार तक की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध होती है.
जानकारी होंगी उपलब्ध
इस प्रणाली में गाय वर्ग, भैस वर्ग, छोटे पशु औ बडे पशुओं को इयर टैगिंग करके इसकी जानकारी भारत पशुधन प्रणाली पर भरी जाती है. जिससे पशुधन के जन्म से लेकर खरीदी-बिक्री तक सभी जानकारी उपलब्ध होगी. जिले में लगभग 6 लाख से अधिक पशुधन का इयर टैग किया गया है.
-डॉ.पुरुषोत्तम सोलंके,
जिला पशुसंवर्धन अधिकारी
* पशुधन के वर्ग निहाय आंकडे
गायवर्गीय पशुधन-4 लाख 64 हजार 967
भैसवर्गीय पशुधन-1 लाख 29 हजार 627
कुल पशुधन-5 लाख 94 हजार 594