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कल सूर्य के बेहद पास रहेगी पृथ्वी

अमरावती /दि.2– पृथ्वी हमेशा सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है. परंतु यह चक्कर गोलाकार मार्ग पर नहीं, बल्कि लंबे वर्तुलाकार मार्ग से होता है. जिसके चलते पृथ्वी कभी सूर्य से दूर और कभी पास से होकर गुजरती है. अमूमन 3 जनवरी के आसपास पृथ्वी सूर्य से बेहद कम दूरी पर रहती है और यह दूरी 14.71 करोड किमी रहता है, ऐसी जानकारी खगोल विशेषज्ञों द्वारा दी गई है.

जानकारी के मुताबिक पृथ्वी और सूर्य के बीच औसत 15 करोड किमी की दूरी है. परंतु 3 जनवरी को जुलाई माह के तुलना में यह दूरी करीब 50 लाख किमी से घट जाती है. पृथ्वी व सूर्य के बीच दूरी कम होने की इस घटना को उपसूर्य कहा जाता है. यह खोज सन 1939 में हैन्स बेथ नामक खगोल वैज्ञानिक द्वारा की गई. बता दें कि, सूर्य यह गर्म रेत का गोला है. जिसमें हाईड्रोजन से हिलियम बनने की प्रक्रिया दिन-रात चलती रहती है. सूर्य के केंद्र में प्रति सेकंड 65 करोड 70 लाख टन हाईड्रोजन जलता है और उससे प्रति सेकंड 65 करोड 25 लाख टन हिलियम तैयार होता है. इसके अलावा सूर्य के जिस हिस्से पर तापमान कम होता है, उस हिस्से पर सौर धब्बे पड जाते है. जिनका चक्र 11 वर्ष का होता है. एक सौर धब्बों की खोज सन 1983 में श्वाबे नामक वैज्ञानिक ने की थी. इन सौर धब्बों के अब तक 23 चक्र पूर्ण हो चुके है और फरवरी 2008 से 24 वां चक्र शुरु हो चुका है.

उपरोक्त जानकारी देने के साथ ही मराठी विज्ञान परिषद के विभागीय अध्यक्ष प्रवीण गुल्हाने व खगोल अभ्यासक विजय गिरुलकर ने बताया कि, इस खगोलिय घटना का मानवीय जीवन पर कोई भी परिणाम नहीं पडने वाला है.

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