अमरावती

संभाग में लगे भूकंप के झटके, प्रशासन को पता भी न चला

अप्पर वर्धा का भूकंप मापक यंत्र बरसों से बंद

  • आज सुबह 8.33 बजे महसूस हुए भूकंप के झटके

  • यवतमाल था भूकंप का केंद्र बिंदू

अमरावती/प्रतिनिधि दि.११ – इससे पहले कई बार जिले के आदिवासी बहुल मेलघाट में जमीन हिलने की शिकायतें वहां के आदिवासी कर रहे थे. उसके बाद जिले के वरूड और पांढूरणा यानी महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश की सीमा पर भूकंप के झटके महसूस होने की खबर मिली थी, लेकिन इसकी अधिकृत पुष्टि करनेवाला अमरावती जिले का भूकंप मापक यंत्र यह अप्पर वर्धा जलाशय पर लगाया हुआ है, जो बरसों से बंद है. इस कारण भविष्य में अमरावती जिले में बडी से बडी तबाही भी हो जाये, तो उसका अधिकृत खुलासा नहीं हो सकता. बात यह है कि, आज सुबह 8.33 बजे नांदेड जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किये गये. भूकंप का केंद्र बिंदू यवतमाल जिले का साधूनगर बताया गया था, लेकिन वहां पर भी कोई भी वित्त या जनहानि नहीं हुई. यहां तक की महागांव तहसीलदार और उनकी टीम ने गांव में भेट दी और वे स्थिति पर नजर रखे हुए है. यवतमाल के जिलाधिकारी अमोल येडगे ने लोगों को हर स्थिति में न घबराने का आवाहन किया है.
यवतमाल जिले की महागांव तहसील के मूडोना व साधूनगर इस परिसर में भूकंप का केंद्र बिंदू दिखाया गया है. उसकी तीव्रता रिक्टरस्केल पर 4.4 नोंद की गई है. विशेष बात यह है कि, केंद्र बिंदू की जगह पर खेती भूभाग है और आसपास के लोगों को भी भूकंप के झटके महसूस न होने से इस बात का कहीं पर भी पता नहीं चल पाया है. अमरावती जिले में इसका क्या असर हुआ, इस बारे में जब हमने जानना चाहा, तो जिला प्रशासन के पास जिले में कहीं पर भी भूकंप के झटके महसूस होने की नोंद नहीं है. विशेष यह है कि, अमरावती जिले के अप्पर वर्धा जलाशय पर एकमात्र भूकंप मापक यंत्र लगाया गया है, जो बरसों से बंद है. अमरावती शिवाजी कृषि महाविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ अनिल बंड ने कहा कि, तडके 4 बजे से बारिश शुरू थी और हो सकता है खेती क्षेत्र में यह झटके महसूस भी हुए हो, तो उसका पता नही चल सकता.

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