अमरावती

शालेय पोषण आहार को ठेकेदारों का ग्रहण

 2-2 महिनों तक नहीं होती राशन की आपूर्ति

शिक्षकों को ही खरीदी करना पड रहा सिलेंडर, तेल, सब्जी, दाल-चावल
अमरावती – /दि.2
स्कूलों से छात्रों को पोषण आहार उपलब्ध कराने के लिए मध्यान्न भोजन योजना चलाई जा रही है. लेकिन इस योजना को ठेकेदारों का ग्रहण लग गया है. इस योजना के तहत मध्यान्न भोजन तैयार करने के लिए लगने वाला तेल, सिलेंडर, सब्जियां आदि शिक्षकों को खरीदना पडता है. उसके बाद शासन से संंबंधित बिल मंजूर किये जाते है. लेकिन शिक्षकों को 6 से 8 महिने तक संबंधित बिल नहीं मिलते, जिससे शिक्षकों का वित्तीय नियोजन गडबडा रहा है. वर्तमान में स्कूलें शुरु होकर 2 महिने बीत गये है, लेकिन अभी तक जून, जुलाई के लिए चावल, दाल, जिरा, मोहरी, नमक आदि साहित्य की आपूर्ति नहीं हुई. अब छात्रों को मध्यान्न भोजन कहां से खिलाएं यह सवाल शिक्षकों के सामने है. ठेकेदारों द्बारा प्रत्येक महिने में पोषण आहार साहित्य वितरित किये जाते है. लेकिन डिझेल व यातायात खर्च बचाने के लिए ठेकेदारों द्बारा 2 महिने का साहित्य एक साथ दिया जाता है. जिससे कई बार यह अनाज खराब हो जाता है. दालों को कीडे लगते है. जिससे शिक्षकों को यह खराब अनाज धूप में सुखाकर उसका इस्तेमाल करना पडता है. जो अनाज स्कूलों को मिलता है, इसकी क्वालिटी भी अच्छी नहीं रहती. जिससे शिक्षक वर्ग परेशान है. शालेय पोषण आहार का दस्तावेजी लेखाजोखा भी शिक्षकों ही संभालना पडता है. जिससे शिक्षकों पर व्यर्थ दबाव आ रहा है. इसलिए संबंधित योजना पर ध्यान देने की मांग शिक्षकों द्बारा की जा रही

 

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