चिखलदरा विकास को लगा ‘इको सेन्सेटिव्ह‘ जोन का ग्रहण
वन विभाग (Forest Department) ने किया सिडको पर अपराध दर्ज
चिखलदरा/दि.१७ – विदर्भ का नंदनवन कहा जाने वाली पर्यटन नगरी को इन दिनों इको सेन्सेटिव्ह जोन का ग्रहण लग चुका है. हाल ही में वन व वनजीव अधिकारियों ने दो स्वतंत्र अपराध सिडको पर दर्ज किए गए. जिसमें चिखलदरा के विकास को ग्रहण लग चुका है. शाहपुर से मोथा मार्ग पर रास्ते का निमार्ण कार्य किया जा रहा था, जिसे रोक दिया गया है. केंद्र सरकार द्वारा २०१६ में निकाले गए राजपरिपत्रक में कहा गया था कि चिखलदरा शहर सहित संपूर्ण चिखलदरा तहसील इको सेन्सेटिव्ह जोन में है. जिसमें पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत उत्खलन, स्ट्रोन क्रेशर, रास्ते, पक्का निर्माण कार्य, लेआउट आदि निर्माण कार्य से धोखा निर्माण हो सकता है. जिसमें संवेदनशील वनक्षेत्रों में विकास कामों पर रोक लगा दी थी.
इन क्षेत्रों में घनकचरा डालने पर भी पाबंदी है. वनपरिक्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करना हो तो इसमें राष्ट्रीय वन्यजीव संस्था की अनुमति बंधनकारक है. चिखलदरा सहित इससे सटे हुए परिसर के विकास की जवाबदारी सिडकों की है. सिडकों ने चिखलदरा पर्यटन नगरी का विकास करने हेतु नक्शा तैयार किया है. जिसमें कुछ काम सिडकों द्वारा शुरु भी किए जा चुके है. कुछ कार्य शुरु होने थे इसी दौरान इको सेन्सेटिव्ह जोन क्षेत्र में किसी भी प्रकार का विकास कार्य नहीं किया जा सकता इसको लेकर सिडकों पर अपराध भी दर्ज किया गया.