आरोपी की मदद कर रहे आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी
रफीउल्ला खान ने पत्रवार्ता में लगाया सनसनीखेज आरोप
अमरावती – /दि.1 इंदला गांव निवासी रफीउल्ला खान हफीजुल्ला खान नामक व्यक्ति ने आज यहां बुलाई गई पत्रकार परिषद में आरोप लगाया कि, शहर पुलिस आयुक्तालय की आर्थिक अपराध शाखा द्बारा ट्रक जब्ती की अवैध कार्रवाई के मामले में आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसकी वजह से पीडित पक्ष यानि खुद रफीउल्ला खान को मानसिक आर्थिक व शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड रहा है. साथ ही पुलिस द्बारा आरोपियों को बचाने के साथ-साथ पीडित पक्ष के साथ किसी आरोपी की तरह व्यवहार किया जा रहा है…
जिला मराठी पत्रकार संघ के मराठी पत्रकार भवन में आयोजित पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए रफीउल्ला खान ने बताया कि, उनके द्बारा कर्ज पर खरीदे गये ट्रक को फाईनंस कंपनी द्बारा अवैध तरीके से जब्त किया गया था. जिसके चलते उन्होंन गाडगे नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसे लेकर धारा 420, 468, 471, 406, 120 (ब) व 34 के तहत नागपुर के कोराडी रोड निवासी शेख शोएब शेख इब्राहिम सहित एचडीबी फायनंस सर्विस लिमिटेड (मुंबई) की अमरावती शाखा, जायका मोटर्स (भंडारा रोड, नागपुर) आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इन्शूरंस के सर्वेअर मनीष चांडक तथा अमरावती आईटीओ कार्यालय के संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था. साथ ही गाडगे नगर पुलिस ने शेख शोएब को गिरफ्तार करते हुए मामले की जांच शुरु की थी. परंतु इसी दौरान इस मामले की जांच को आर्थिक अपराध शाखा के पास भेज दिया गया और आर्थिक अपराध शाखा के पीआई शिवाजी बचाटे ने आरोपी का पक्ष लेना शुरु कर दिया. ऐसे में उन्होंने इस मामले में फायनंस कंपनी द्बारा जब्त किये गये ट्रक को वापिस दिलाने के लिए शहर पुलिस आयुक्त आरती सिंह से मुलाकात की. जिसके बाद सीपी आरती सिंह ने जांच अधिकारी को उक्त ट्रक अपने कब्जे में लेने हेतु कहा. पश्चात उस ट्रक को पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर गाडगे नगर पुलिस थाने लाया. लेकिन वह ट्रक उनका नहीं था, बल्कि उनके ट्रक के चेसिस नंबर को काटकर किसी अन्य ट्रक के साथ वेल्डिंग करते हुए जोडा गया. साथ ही उनका ट्रक बीएस 4 इलेक्ट्रॉनिक था. जबकि जब्त किया गया ट्रक साधा है. इसका सीधा मतलब है कि, आरोपी ने आपसी मिलीभगत करते हुए उनके ट्रक को गायब कर दिया. ऐसे में पुलिस ने आरोपियों की कस्टडी रिमांड लेकर उनके ट्रक की खोज करनी चाहिए. परंतु ऐसा करने की बजाय पुलिस द्बारा आरोपियों को अग्रिम जमानत मिलने हेतु मदद की जा रही है और आर्थिक अपराध शाखा द्बारा शुरु से ही इस मामले में आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. अत: शहर पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने इस पूरे मामले की सघनता से जांच करनी चाहिए.
इस पत्रकार परिषद में रफीउल्ला खान के साथ उनके वकील एड. एफ. एम. शेख भी उपस्थित थे.