मटके बनाने वाले कुम्हार व्यावसायिक पर आर्थिक संकट
गरीबों के फ्रिज को अब गर्मी के नहीं कोरोना के चटके लगे है
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लॉकडाउन के कारण मटके बेचनेवालों का व्यवसाय ठप्प
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१७ – भरी धूप में प्यासे की प्यास बुझानेवाले एवं गरीबों का फ्रिज मटके बिक्री करने का व्यवसाय करनेवालों पर भी आज आर्थिक संकट आ गया है. एक माह पहले गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए मिट्टी के काम करनेवाले कुम्हारवाडे में बनाकर रखनेवाले गरीबो के फ्रिज को गर्मी के नहीं अब कोरोना के चटके लग रहे है. गर्मी के दिनों में लगातार शुरू रहनेवाला व्यवसाय अब लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट में आ गया है. दूसरी ओर ठंडे पानी की केन का उपयोग बढऩे के कारण मटके की बिक्री में प्रभाव हुआ है जिसके कारण मटके बेचनेवाला कुम्हार अब और भी घाटे में आ गया है. ऐसा मटके बनानेवाले कारागिर ने बताया.
गर्मी की लहर शुरू होते ही झोपड़पट्टी में रहनेवालों से लेकर बंगले में रहनेवालों सभी लोगों को ठंडे पानी की आवश्यकता होती है. इसमें भी कोरोना के समय अनेको ने ठंडे पानी के लिए फ्रिज का पानी पीना बंद कर दिया है. क्योंकि फ्रिज का पानी शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है. जिसके कारण मटके खरीदनेवालों की संख्या बढ़ गई है. इस बात को ध्यान में रखकर मटके बनानेवाले कुम्हारों ने गर्मी का मौसम शुरू होते ही विविध प्रकार के हजारो मटके बनाकर रखे है.
इस बार का सीजन आंखों के सामने रखकर विगत ३-४ महिने से मटके बनानेवाले की कामगिरी शुरू ही थी. किंतु इस कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन लगने से मटके बनानेवालों पर भी आर्थिक संकट आ गया है. गर्मी का तापमान बढ़ता ही जा रहा है. सूर्य आग उगलने लगा है. किंतु हर इंसान घर में बंद होने से उन्हें इतनी गर्मी महसूस नहीं हुई. हर इंसान का बाहर निकलना बंद होने के कारण मटके बिक्री का भी व्यवसाय ठप्प हो गया है.