मनुष्यबल की कमी से जूझ रहा जिप का शिक्षा विभाग
शिक्षकों के 378 व विस्तार अधिकारियों के 35 पद पडे है रिक्त
* एक-एक शिक्षक पर 3 से 4 कक्षाओं का कार्यभार
अमरावती/दि.3- जहां एक ओर जिला परिषद का शिक्षा विभाग अपनी शालाओं के शैक्षणिक स्तर को उंचा उठाने के लिए विविध उपायों पर काम कर रहा है, जिसके लिए विविध उपक्रमों व योजनाओं पर अमल करने का नियोजन किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर जिला परिषद के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों व शिक्षा विस्तार अधिकारियों के कई पद रिक्त पडे है. कई स्थानों पर तो एक ही शिक्षक को 3-3 अतिरिक्त कक्षाओं का भी प्रभार व काम संभालना पड रहा है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, जिला परिषद का शिक्षा विभाग इस समय मनुष्यबल की किल्लत से जूझ रहा है.
बता दें कि, जिले में जिला परिषद की कुल 1 हजार 583 शालाएं कार्यरत है. जिनमें करीब 5 हजार के आसपास शिक्षक कार्यरत है. वहीं विविध माध्यमवाली जिप शालाओं में शिक्षकों के 378 पद रिक्त पडे है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की कुछ शालाओं में तो केवल एक या दो शिक्षकों की ही नियुक्ति है. जिसके चलते उन पर काम का अतिरिक्त बोझ पड रहा है. इसमें भी यदि कोई एक शिक्षक शाला से संबंधित काम के लिए तहसील या जिला मुख्यालय चला जाये, तो शाला में पढाई-लिखाई का काम एक तरह से ठप्प पड जाता है. जिसका सीधा परिणाम शालाओं में पडनेवाले बच्चो की पढाई-लिखाई पर पडता है.
* शिक्षकों के 378 पद रिक्त
जिला परिषद की 1,583 शालाओं में विविध माध्यमवाले 378 शिक्षकों के पद रिक्त पडे है. जिन पर नियुक्ती करने हेतु सरकारी एवं प्रशासनिक स्तर पर आवश्यक प्रयास किये जाने चाहिए.
* मुख्याध्यापकों के 39 पद रिक्त
जिले की कुछ शालाओं में मुख्याध्यापकों के सेवानिवृत्त हो जाने की वजह से जिले भर में उच्च श्रेणी मुख्याध्यापकों के 39 पद रिक्त हुए है. जिनके स्थान पर वरिष्ठ शिक्षकों को प्रभारी मुख्याध्यापक की जिम्मेदारी सौंपी गई है. सरकारी स्तर पर मान्यता मिलने के बाद सेवा जेष्ठता अनुसार मुख्याध्यापकों के रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी.
* विस्तार अधिकारियों के 35 पद रिक्त
शिक्षा विभाग में विस्तार अधिकारियों के कुल 57 पद मंजूर है. जिसमें से 22 पदों पर शिक्षा विस्तार अधिकारियों की नियुक्ति हो चुकी है. वहीं 35 पद अब भी रिक्त पडे है. ऐसे में इन रिक्त पदों की जिम्मेदारी भी किसी अन्य को अतिरिक्त प्रभार के तौर पर सौंपी गई है, ताकि कामकाज को जारी रखा जा सके.
* एक शिक्षक पर दो से चार कक्षाओं का काम
जिले की कई शालाओं में केवल दो शिक्षक ही कार्यरत है. जिन्हें एक से अधिक कक्षाओं को पढाने का काम करना पडता है. इसमें भी यदि कोई एक शिक्षक शालेय काम हेतु बाहर चला जाता है या अपने किसी कार्य हेतु अवकाश पर चला जाता है, तो दूसरे अकेले शिक्षक पर 1 ली से लेकर 4 थी तक सभी कक्षाओं को एकसाथ पढाने का जिम्मा आ जाता है. जिससे निश्चित तौर पर पढाई-लिखाई का काम प्रभावित होता है.
जिप शालाओं में रिक्त रहनेवाले पदों की जानकारी को संकलित किया जा रहा है. शालाओं के शुरू होते ही यह जानकारी संकलित हो जायेगी. पश्चात रिक्त पदों की जानकारी को शिक्षा विभाग के पास भेजा जायेगा और सरकारी स्तर से दिये जानेवाले आदेश पर अमल करते हुए सभी पदों पर योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति की जायेगी.
-प्रिया देशमुख
प्राथमिक शिक्षाधिकारी, जिप, अमरावती