अमरावती

शिक्षा को अध्यात्म की जोड़ आवश्यक- जगदगुरु श्री रामराजेश्वराचार्य माऊली सरकार

महोत्सव विदर्भ का, विदर्भ की पुरातन राजधानी का, अंबा-रुक्मिणी महोत्सव का उद्घाटन

कौन्डण्यपुर/दि.14– अध्यात्म के बिना शिक्षा अधूरी है, शिक्षा को अध्यात्म का तालमेल आवश्यक है, तभी वह सृजन करेगी, इस आशय का प्रतिपादन जगद्गुरु श्री रामराजेश्वराचार्य माऊली सरकार ने किया. वे कौण्डन्यपुर मेंं अंबा-रुक्मिणी महोत्सव 2022 के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि समाज को वाचनालय के साथ ध्यान एवं साधना की भी आवश्यकता है. व्यक्ति के सर्वांगीण विकास हेतु अपने पांच स्तंभ का महत्व भी उन्होंने विशद किया. कार्यक्रम में फिनिश अकादमी वर्धा के प्रा. नितेश कराले, जिला परिषद के पूर्व उपसभापति बालासाहब हिंगणीकर, संदीप आमले, पंचायत समिति सदस्य शिल्पा रविन्द्र हांडे, पूर्व सभापति तिवसा शरद वानखडे, पंस सदस्य अब्दुल सत्तार, हभप संजय महाराज ठाकरे, सलाहकार समिति अध्यक्ष दिनेश ठाकरे, रुक्मिणी सहकार्य युवक मित्र मंडल के अध्यक्ष अमोल पुंडेकर, उत्सव समिति अध्यक्ष विशाल गोहत्रे उपस्थित थे.
जगद्गुरु ने आगे कहा कि युवा वर्ग द्वारा अंबा-रुक्मिणी महोत्सव सभी युवकों के लिये ज्वलंत और प्रेरणादायी मशाल है. यशोमति ठाकूर की सुपुत्री कु. आकांक्षा ठाकूर के हस्ते महोत्सव का उद्घाटन किया गया. इस मौके पर प्रा. कराले ने कहा कि सत्ता के सूत्र हाथ में लेने के लिए शिक्षा के अलावा पर्याय नहीं है. उसी प्रकार शिक्षित लोगों को राजनीति में प्रवेश लेने की अपील भी उन्होंने की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रसंत गाडगेबाबा के सपनों का भारत निर्माण करने उनके विचार क्रियान्वित करने होंगे. आदर्श पीढ़ी निर्माण के लिए समाज हेतु जीवन जीना होगा. प्रस्तावना अक्षय पुंडेकर ने रखी. संचालन अश्विनी पुंडेकर और श्वेता बांबल ने किया. आभार गजानन बांबल ने व्यक्त किया.

Related Articles

Back to top button