अमरावती

शिक्षा समाज परिवर्तन का प्रभावी साधन है

मधुकरराव अभ्यंकर का प्रतिपादन

नांदगांव खंडेश्वर/ दि.3 -शिक्षा यह समाज परिवर्तन का प्रभावी साधन है, उसके साथ अनुशासित व कर्तव्यदक्ष नेतृत्व करने वाला मुख्याध्यापक मिल जाए तो निश्चित ही शालाओं में शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगती होगी. ऐसा प्रतिपादन समाज भूषण मधुकरराव अभ्यंकर ने व्यक्त किया. वे नांदगांव खंडेश्वर अंतर्गत सालोड कस्बा स्थित शाहू महाराज विद्यालय के मुख्याध्यापक सतीश पुंडकर की सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे.
इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख अतिथि सहकार क्षेत्र के अभिजीत ढेपे ने कहा कि, आज शिक्षा के क्षेत्र में अनेकों समस्याएं हैं. बिना अनुदानित शालाओं के कर्मचारियों व शिक्षकों के प्रश्न, पद भर्ती, संच मान्यता अनेक सालों से प्रलंबित हैं. इस तरह की समस्याएं होने के बावजूद भी समाजभूषण मधुकरराव अभ्यंकर ने शालेय इमारत में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवायी हैं. विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की दृष्टि से जिले में यह एक आदर्श निर्माण किया हैं. प्रमुख अतिथि संगीता शिंदे ने कहा कि, पिछले अनेक सालों से शिक्षण संघर्ष संगठना के माध्यम से मैं शिक्षक कर्मचारियों की जूनी पेंशन योजना के लिए संघर्ष कर रही हूं जिसमें मुझे अभ्यंकर साहेब का आर्शीवाद प्राप्त हैं.
प्रमुख अतिथि अभिजीत ढेपे, संगीता शिंदे, सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक सतीश पुंडकर व उनकी पत्नी करुणा पुंडकर का शाल श्रीफल प्रदान कर सत्कार किया गया. इस समय क्षितिज अभ्यंकर, प्रा. गजानन वानखडे, प्रा. शुभांगी ढेपे, मंगला वंजारी, वनमाला सोनोने, प्रा. मोनू सरदार, प्रा. उमेश माटोडे, प्रा. प्रकाश इंजलकर, अरुण वानखडे, विकास फसाटे ने भी अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम का प्रास्ताविक सतीश पुंडकर ने रखा व संचालन अनिल गवई ने किया तथा आभार अविनाश पवार ने माना. कार्यक्रम में रमेश ठाकरे, डॉ. रमेश काले, निलेश मुधोलकर आदि उपस्थित थे.

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