शैक्षिक महासंघ ने उच्च शिक्षा संचालक के समक्ष रखे 27 मुद्दे
समस्याओं को हल करने के लिए की तुरंत कदम उठाने की मांग
अमरावती/दि.11– अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र राज्य के उच्च शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न समस्याओं पर उच्च शिक्षा संचालक डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर के साथ एक बैठक की. इस बैठक दौरान प्रतिनिधिमंडल ने उच्च शिक्षा संचालक के समक्ष 27 मुद्दे रखे.
इस बैठक में, राज्य भर में महासंघ द्वारा आयोजित विभिन्न सभाओं में शैक्षणिक संस्थानों और कॉलेजों के प्राचार्यों, प्रोफेसरों और गैर-शिक्षक कर्मचारियों की समस्याओं को जानकारी लेकर प्रतिनिधिमंडल द्वारा पेश किया गया. महाराष्ट्र प्रांत के अध्यक्ष प्रो. प्रदीप खेडकर के नेतृत्व में डॉ. ए. पी. कुलकर्णी, प्राचार्य डॉ. नंदकिशोर ठाकरे, प्राचार्य डॉ. मीनल भोंडे, नांदेड के डॉ. संतराम मुंडे, अमरावती के डॉ. दिनेश खेडकर, पुणे के डॉ. डी. बी. पवार, डॉ. सुभाष पवार, छत्रपति संभाजीनगर के डॉ. सत्यप्रेम भुमरे, मुंबई के डॉ. विठ्ठल सोनटक्के, सोलापुर के डॉ. शशिकांत तांबे, डॉ. पवन पाटील आदि संगठन के पदाधिकारी प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे तथा संचालक कार्यालय के सह- संचालक डॉ. प्रकाश बच्छाव, डॉ. मगर, डॉ. दुसाने और डॉ. पंडित उपस्थित थे.
वर्षों से उच्च शिक्षा क्षेत्र में उत्पन्न समस्याओं को हल करने के लिए शैक्षिक महासंघ ने कुल 27 प्रमुख मांगें की हैं. इसके अलावा, संगठन ने विभिन्न विभागों के प्राचार्यों और प्राध्यापकों की समस्याएं प्रस्तुत की हैं.
* इन मांगों पर की गई चर्चा
मुख्य रूप से सातवां वेतन आयोग और महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालय अधिनियम में विसंगतियों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा गठित डॉ. चांदेकर समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई करना; सुकाणू समिति को 4 फरवरी 2024 को शिवाजी विश्वविद्यालय कोल्हापुर में शैक्षिक महासंघ द्वारा दिए गए सुझावों पर निर्णय घोषित करना, हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा की गई घोषणा के अनुसार पुरानी पेंशन योजना लागू करने के संबंध में सकारात्मक घोषणा की गई है, इसमें किसी भी समस्या का उत्पन्न न हो, इस पर ध्यान देते हुए समिति में शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधि को शामिल किया जाए. महाराष्ट्र सरकार उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग का शासन निर्णय दिनांक 5 मार्च 2024 के ओरिएंटेशन और रिफ्रेशर के बारे में निर्णय का स्पष्टीकरण देना, एमफिल पात्रता वाले प्राध्यापकों की समस्या पर विस्तृत चर्चा की गई. इसी तरह अन्य सभी समस्याओं का निदान शिक्षा संचालक द्वारा शिक्षा विभाग के माध्यम से तत्काल किया जाए, इस बारे में शैक्षिक महासंघ ने दृढ़ता से अपनी भूमिका रखी है.
* उचित समाधान खोजने का दिया आश्वासन
इसके साथ ही, कई प्रोफेसरों ने शैक्षिक महासंघ को भेजी गई व्यक्तिगत स्वरूप की मांगों को भी निवेदन में शामिल किया गया है, जो कई वर्षों से हल नहीं हुई हैं और उन्हें हल करने के लिए निदेशकों के साथ सकारात्मक चर्चा हुई है और उचित और दूरगामी समाधान खोजने के लिए संबंधितों को आश्वासन दिया गया है. इसके साथ ही, की गई कार्रवाई के बारे में शैक्षिक महासंघ को सूचित किया जाना है.शैक्षिक महासंघ की ओर से शिक्षा संचालक डॉ. शैलेंद्र देवलाणकर को दिए गए समय के बारे में और समस्याओं को जानने और उचित कार्रवाई करने के आश्वासन के लिए धन्यवाद व्यक्त किया गया है.