शाला बंद आंदोलन को शैक्षणिक संस्थाओं ने दिया उत्सफूर्त प्रतिसाद
जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर जताया शासन का निषेध
अमरावती प्रतिनिधि/दि. १९ – राज्य की शालाओं में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो के पद कायम स्वरुपी रद्द करने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया. जिसके विरोध में शुक्रवार को राज्यस्तरीय शाला बंद आंदोलन किया गया था. जिसमें जिलेभर की ७०० शालाएं बंद थी. बुद्धिष्ठ अल्पसंख्याक शैक्षणिक संस्था असो., महाराष्ट्र राज्य शिक्षण संघर्ष समिति संगठना, अमरावती जिला शिक्षण संस्था सहित अन्य शैक्षणिक संस्था व संगठनाओं ने एकत्रित आकर शासन द्वारा लिए गए निर्णय का निषेध जताया व इस आशय का निवेदन जिलाधिकारी शैलेश नवाल को सौंपकर विविध मांगे राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व शिक्षण मंत्री वर्षा गायकवाड से की.
मांगे १५ दिनों के भीतर पूर्ण न किए जाने पर ४ जनवरी से संपूर्ण शालाओं को बंद कर तीव्र आंदोलन किया जाएगा. ऐसा निवेदन में कहा गया. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद के संदर्भ में अन्यायकारक शासन निर्णय के विरोध में जिले की विविध शैक्षणिक संस्थाओं ने एकत्र आकर राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय का निषेध जताया, और निर्णय को तत्काल रद्द करने की मांग की.
निवेदन देते समय बुद्धिष्ठ अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था असो. महाराष्ट्र प्रदेश सचिव राजाभाऊ इंगले, प्राचार्य गजानन राव इंगले, अमरावती जिला शिक्षण संस्था संघ सचिव डॉ. मेघश्याम करडे, शिक्षक संघर्ष संगठना अध्यक्षा संगीता शिंदे, सुधाकर वाहुरवार, उमेश रिंगणे, ए.वाय.तायडे, संदीप रक्षित, पी.वी.जामनेकर, रविकुमार गजभिये, विश्वनाथ सदांशिवे, कांचनमाला गावंडे, रामकृष्ण कलमकर, राजाभाऊ देशमुख, शेषराव खरडे, शिवाजी शिक्षण संस्था के एड.दीपक देशमुख, सुशील इखणकर, रवि गजभिये, राजेश टारपे.
मुख्याध्यापक संघ के ललित चौधरी, अशोक चोपडे, राजेश भुतके, साहबराव दामोदरे, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठना के जयंत भोपत, राजकुमार चैनानी, महेंद्रसिंग सोमवंशी, दिलीप कडू, शरद तिरमारे, केशव देशमुख, राजेंद्र पेटले, अभय जैन, प्रवीण दिवे, रमेश वरहाडे सहित बुद्धिष्ठ अल्संख्याक शैक्षणिक संस्था, महाराष्ट्र राज्य शिक्षण संघर्ष संगठना, अमरावती जिला शिक्षण संस्था संघ, मुख्याध्यापक संघ, श्रीशिवाजी शिक्षण संस्था, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठना के पदाधिकारियों व सदस्यों का समावेश था.