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शिक्षाविद जयमाला जाधव नहीं रही

अंबानगरी में प्राथमिक शिक्षा को नया आयाम देने वाली

* तोमोय स्कूल की संस्थापिका का 79 वर्ष की उम्र में स्वर्गवास
अमरावती/दि.19 – अमरावती और क्षेत्र में मॉन्टेन्सरी कल्चर सर्वप्रथम लाने वाली तोमोय शाला की संस्थापिका जयमाला जयवंतराव जाधव देशमुख (79) का आज सबेरे स्वर्गवास हो गया. वे अपने पीछे तीन पुत्रियों प्रिया जाधव, अरुंधती जाधव, सरिता जाधव के साथ ही तोमोय शाला प्रबंधन का भरा पूरा परिवार छोड गई है. उनके निधन पर पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर सहित अनेक ने गहरा शोक व्यक्त किया है. श्रीमती जाधव का अंतिम संस्कार आज दोपहर बाद किया गया. अंतिम यात्रा दोपहर 4 बजे कैम्प स्थित परांजपे कालोनी से निकाली गई. बडी संख्या में समाजबंधु और शिक्षा क्षेत्र के मान्यवर सहभागी हुए.
* टे्रनिंग लेकर शुरु की शाला
जयमाला जाधव के यजमान जयवंतराव केंद्र सरकार के विज्ञान अधिकारी रहे हैं. उन्होंने निवृत्त होने के बाद समाज के प्रति अपने ऋण को अदा करने के उद्देश्य से कुछ सार्थक करने का सोचा. शाला शुरु करने का विचार जाधव दम्पति ने किया. उस समय 57-58 बरस की रही जयमाला जाधव ने बेहिचक मॉन्टेन्सरी शाला परिचालन का कोर्स उत्तीर्ण किया. बता दें कि, वे मराठी भाषा में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त रही. उन्हें स्वर्णपदक मिला था.
* कैम्प में खोला पहला स्कूल
पहली तोमोय मॉन्टेन्सरी 2003 में कैम्प में शुरु की. उपरान्त इसे विस्तार दिया गया. साथ ही समय के साथ जयमाला जाधव में प्राथमिक और हाईस्कूल तक बढाया. आज उनके शाला में लगभग 1550 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. साथ ही शाला में खेल-कूद, संस्कृति जतन पर भी संपूर्ण ध्यान दिया जाता है.
* जिले की एकमात्र आईसीएसई मान्यता
जिले की एकमात्र आईसीएसई मान्यता प्राप्त शाला है. जहां के प्रतिवर्ष सैकडों विद्यार्थी कक्षा 10 वीं में नेत्रदीपक सफलता प्राप्त करते आये हैं. उसी प्रकार शालेय शिक्षा पूर्ण कर आगे उच्च शिक्षा में भी नाम कमा रहे हैं. यह भी बता दें कि, आईसीएसई की मान्यता के मापदंड बहुत कडे हैं. बल्कि इसे यूपीएससी पैटर्न के समकक्ष माना जाता है. इससे तोमोय शाला की गुणवत्ता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. शाला में 300 लोगों का निष्णांत स्टाफ है.
* मान्यवरों ने दी श्रद्धांजलि
जयमाला जाधव के निधन का समाचार सुनकर शिक्षा क्षेत्र में हलचल देखी गई. उसी प्रकार अनेक गणमान्य ने शिक्षास्तर उंचा उठाने में उनके योगदान का गौरवपूर्ण उल्लेख किया. विधायक यशोमति ठाकुर, पीडीएमसी के पूर्व अधिष्ठाता उद्धव देशमुख, सेंट फॉन्सेस की प्राचार्य वीणा, प्रसिद्ध मानसोपचार तज्ञ डॉ. श्रीकांत देशमुख सहित अनेक ने जयमाला जाधव के अंतिम दर्शन किये.

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