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वेरिकोज वैन का बगैर ऑपरेशन प्रभावी उपचार

डॉ. शिशिर रावेकर का दावा

* भारत में भी बढ़ रहा प्रकोप
अमरावती/दि.20- इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी के विशेषज्ञ डॉ. शिशिर रावेकर ने दावा किया कि वेरिकोज वैन का बिना ऑपरेशन प्रभावी उपचार किया जा सकता है. अपितु वे गत कुछ वर्षों से यह इलाज कर रहे हैं. लोगों को इससे बड़ा फायदा भी हुआ है. कई लोगों की बीमारी का पूर्ण रुप से निदान हो गया.अमरावती मंडल से विशेष भेंट में डॉ. रावेकर ने भारत में बढ़ रही इस बीमारी के प्रकोप से लेकर उसके लक्षणों, कारणों के बारे में विस्तार से चर्चा की. साथ ही बीमारी ग्रस्त लोगों को डरने की बजाय उचित उपचार करने की सलाह दी है.
* अनेक भारतीय ग्रस्त
खापर्डे बगीचा के संकल्प हॉस्पीटल में पल्स मेडिकेअर के संचालक डॉ. रावेकर ने बताया कि अमेरिका में प्रत्येक पांच में से एक व्यक्ति को वेरिकोज वैन की बीमारी है. भारत में भी इसकी शिकायत लगातार बढ़ रही है. कह सकते हैं कि हर दूसरे व्यक्ति को यह रोग ग्रस रहा है. रोग बढ़ने और पनपने के कारण भी डॉ. रावेकर ने बतलाए.
* बीमारी के लक्षण
डॉ. रावेकर ने बहुत ही विस्तार से बीमारी के विषय में बतलाया. जिससे स्पष्ट हो गया कि उन्होंने इस विषय में न केवल गहन अध्ययन किया अपितु रिसर्च और उपचार भी सफल कर बतलाए हैं. उन्होंने बताया कि बहुत देर तक खड़े रहकर कार्य करने वाले अथवा बहुत अधिक समय तक बैठकर कार्य करने वाले को वेरिकोज वैन की शिकायत होती है. जिसमें पैरों में अथवा घुटनों पर सूजन आती, दर्द रहता, जख्म हो जाती, रक्तवाहिनी फूट जाती और खून निकल आता, पैर कुरुप हो जाते आदि लक्षण है. यह भी बताया कि शुरुआत में मकड़ी के जाल जैसे धमनी के अंदर हो जाता, फिर वह धमनी सांप जैसी फूल जाती है, तीसरे चरण में पैर में सूजन बढ़ती जाती है, त्वचा का रंग बदलता है, सूजन लगातार रहती है, जिससे पैर में खुजली होती है. अशुद्ध रक्त पैर में जमा होकर जख्म बन जाता है. फिर जख्म ठीक भी नहीं होता.
* बगैर ऑपरेशन उपचार
डॉ. रावेकर ने बताया कि इस बीमारी का बगैर शस्त्रक्रिया उपचार इंटरवेशनल रेडियोलॉजी में उपलब्ध है. आरएफए किरणों से उपचार होता है. रक्तवाहिनी की ऊर्जा भीतर से आरएफए किरणों के जरिए गर्म की जाती है. इससे धमनी का सिकुड़ना अंदर से बंद हो जाता है. रावेकर ने बताया कि बगैर शस्त्रक्रिया इलाज होने से मरीज को वेदनारहित उपचार पद्धति मिलती है. यह सुरक्षित और प्रभावी होने का दावा भी उन्होंने किया. मरीज शीघ्र से अपने कामकाज पर लौट आता है.

11 फरवरी को निःशुल्क मार्गदर्शन
डॉ. शिशिर रावेकर ने बताया कि आगामी 11 फरवरी को सुबह 9 से शाम 5 बजे दौरान मरीजों को निःशुल्क मार्गदर्शन किया जाएगा. ऐसे ही रेडियो फ्रिक्वेन्सी एबलेशन में 40 प्रतिशत और खून की जांच में 40 प्रतिशत छूट के साथ दवाईयां भी विेशेष दरों पर उपलब्ध करवाई जाएगी.

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