पंचायत के माध्यम से समाज को संगठित करने का प्रयास
वाल्मिकी समाज के प्रदीप निंदाणे का प्रतिपादन
* समाज के नवनियुक्त पदाधिकारियों का पदग्रहण व पगडी रस्म समारोह
अमरावती/दि.30– समाज के 75 गांव के 350 लोगों की सहमति से 19 सदस्यीय पंचायत का गठन हुआ है. यह वाल्मीकि समाज की पंचायत न केवल कानूनी रूप से पंजीकृत है. बल्कि इस पंचायत के माध्यम से समाज को संगठित कर पूरे रीतिरिवाज, संस्कृति सभ्यता सभी को जोड़े रखने का प्रयास करते हैं. इसी सोच के साथ अब नये पंचायत सदस्यों का चयन किया है. जिसकी जिम्मेदारी इन सभी पंचायत के 19 सदस्यों को समर्पित भाव से सौंपी जा रही है, यह प्रतिपादन समाज के खामगांव निवासी प्रदीप निंदाने ने किया. स्थानीय औरंगपुरा स्थित अंबादेवी के कीर्तन सभागृह में वाल्मीकि समाज के सकल पंचों की सहमति से सामाजिक सदस्यों का चयन किया गया. जिनका पदग्रहण समारोह तथा पगड़ी रस्म का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में वे बोल रहे थे.
कार्यक्रम में वाल्मीकि समाज के सचिव जलगांव निवासी पूर्व महापौर शिवचरण ढंढोरे के मार्गदर्शन में अमलनेर निवासी रमेश घोघले की अध्यक्षता में तथा पूर्व पार्षद रतन डेंडुले के मार्गदर्शन में बावनी पंचायत अंतर्गत समस्त वाल्मीकि, समाज सकल पंच तथा नवयुवक संगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलन तथा प्रतिमा पूजन से की गई. पश्चात सभी पंच सदस्यों का परिचय करवाते हुए उन्हें पगड़ी पहनाई गयी. इस अवसर पर विविध जिले से पधारे समाज के प्रतिनिधियों ने उन्हें पगड़ी पहनाकर पंच के रुप में स्वीकार करने की स्वीकृति दी. इस संदर्भ में पूर्व पार्षद रतन डेंडुले समेत अन्य मान्यवरों ने बताया कि हजारों सालों से वाल्मीकि समाज बेड़े में रहते हुए पंचायत की परंपरा का पालन कर रहा है. पंचायत में जमादार, पटेल, चौधरी, छड़ीदार जैसे सदस्यों की नियुक्ति कर विविध विषयों पर समाज को संगठित करने, एकमत के साथ समाज की उन्नति एवं प्रगति के लिए कार्य करते हैं.
लेकिन कुछ सालों से वाल्मीकि समाज के पंचायत को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. जिसके कारण सर्वत्र वाल्मीकि समाज का नाम बदनाम हो रहा है. जिस समाज के कार्य में पहले खाकी दूर-दूर तक नजर नहीं आती थी, अब यहां खाकी भी दस्तक देने लगी है. इतनी दहशत निर्माण की है. इसे रोकने के लिए अब प्रयास होने चाहिए. इसी उद्देश्य से इस बार पंचायत सदस्यों की घोषणा के साथ पगड़ी रस्म अमरावती में लेने का मानस रखा. वाल्मीकि समाज द्वारा समाज के पंचायत का साल 2006 को पंजीयन किया है. कानूनी रुप से यह संस्था कार्यरत है तथा नियमानुसार इस संस्था का कामकाज चल रहा है. विशेष यह कि अब वाल्मीकि समाज में आंतरजातीय विवाह होने लगे हैं. सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है. अब यही सेवा कार्य नवनियुक्त पंचायत के सदस्य करेंगे. जिन 19 लोगों का चयन किया है. वे आजीवन समाज की सेवा करते रहेंगे. अब वे नि:स्वार्थ भाव से इससे जुड़े हैं. इन सभी सदस्यों को 75 गांव के समाजबंधुओं ने स्वीकार कर उन्हें पगड़ी बांधी है. 22 सालों की इस परंपरा को अब किन्हीं समाज बंधुओं द्वारा निजी स्वार्थ के चलते गलत ठहराकर समाज में गलतफहमी फैलाई जा रही है. इसका जवाब पगड़ी रस्म के माध्यम से दिया है. समाज में मनमुटाव है, मतभेद नहीं. जो आज नहीं तो कल दूर होंगे, यह विश्वास रतन डेंडुले ने व्यक्त किया. कार्यक्रम में पदग्रहण के साथ नयी पंचायत ने सभी का आभार व्यक्त कर आने वाले समय में समाज की उन्नति व प्रगति के लिए आवश्यक गतिविधियों पर चर्चा की. कार्यक्रम का संचालन दीपक चावरे ने किया. आभार पूर्व पार्षद रतन डेंडुले ने माना.
* पदाधिकारियों ने बांधी पगड़ी
वाल्मीकि समाज के नवनियुक्त पदाधिकारियों में जमादार पद परमोहन जाधव, शिवदास डेंडुले, अशोक छापरवाल, विजय गोहर, संदीप चावरे, जय कलोसे, चौधरी पद पर चिमन गोहर, लक्ष्मण जेदे, संजय चंडाले, पटेल पद पर सतीश संकत, पूनम चावरे, राजेश डेंडुले,अनूप संकत, तिलक ढेंढवाल, सागर मर्दाने, सुनील बागड़े, संतोष काकड़े के साथ छड़ीदार पद पर अजय ढेणवाल, मुनसब पद पर नरेंद्र चावरे ने पदभार संभाला.