कृषि प्रणाली में बदलाव के लिए सभी स्तर पर प्रयास जरुरी
विभागीय आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे की सलाह
अमरावती/ दि.23 – बारिश पर निर्भर रहने वाली कृषि प्रणाली में विकास निर्माण करने के लिए विभिन्न योजनाओं को अपनाते हुए सभी विभाग संगठित ओैर सभी स्तर पर प्रयास करे, ऐसे आदेश विभागीय आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे ने दिये.
संभागीय आयुक्तालय में पश्चिम विदर्भ में बारिश पर रहने वाली खेत प्रणाली को लेकर मंगलवार को कार्यशाला ली गई, इस समय वे बोल रहे थे. महाराष्ट्र आरआरए नेटवर्क के राज्य समन्वयक सजल कुलकर्णी विभाग के पांचों जिलों के जिलाधिकारी व मुख्य कार्यकारी अधिकारी, कृषि, मनरेगा, आदिवासी विकास विभाग, जलसंधारण, वन, पशुसंवर्धन आदि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे. कृषि संशोधन में महाराष्ट्र अव्वल राज्य है. फिर भी हकीकत में अधिकांश खेती आज भी मानसून पर निर्भर है. जिसके कारण ज्यादातर किसान केवल खरिफ फसल ले पाते है. सोशिओ, इकॉनॉमी, सर्वेक्षण के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के 37.05 प्रतिशत परिवार खेती व 44.37 प्रतिशत परिवार खेती से संबंधित मजदूरी काम पर निर्भर है. उसमें भी 2 हेक्टेअर से कम जमीन रहने वाले परिवार की संख्या ज्यादा है.
इस वजह से बारिश पर आधारित खेती का तरीका सुधारना बहुत जरुरी है. उसमें बहुविध फसल तरीके, खेत माल विपनन, पुरक व्यवसाय के साथ ही कृषि उत्पादकता बढाना जरुरी है. उस दृष्टि से सभी विभाग आपसी सामंजस्य के साथ प्रयास करे, ऐसे निर्देश विभागीय आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे ने दिये. पश्चिम विदर्भ के किसान आज भी बारिश आधारित खेती, वन आधारित उत्पादन पर निर्भर है. इसमें विकास निर्माण करने के लिए महाराष्ट्र आरआरए नेटवर्क इस संस्था ने प्रोजेक्ट हाथ में लिया है. जिसके व्दारा खेती संबंधित सुधार के लिए उपाय योजना चलाने, खेती पर निर्भर व्यक्ति का जीवनमान उंचा करने, सभी शासकीय संबंधित विभाग से समन्वय रखने, योजना की त्रुटियां दूर करने, परिस्थिति के अनुसार बदलाव करने व दीर्घकालीन उपाययोजना चलाने आदि काम किये जायेंगे, ऐसी जानकारी कुलकर्णी ने दी.