अमरावती

पर्यावरण संवर्धन के लिए प्रयास आवश्यक

कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे का कथन

* विद्यापीठ के पर्यावरण पुरस्कार 2021 का हुआ वितरण
अमरावती/दि.30– ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा दिनोंदिन बढ रहा है. वैश्विक स्तर पर औसत तापमान में 2 डिग्री की वृध्दि हो जाने की वजह से पर्यावरण का संतुलन काफी हद तक बिगड गया है. ऐसे में विद्यापीठ द्वारा पर्यावरण संवर्धन के लिए किये गये कामों का राष्ट्रीय स्तर पर गौरव हुआ है. इस समय पर्यावरण संवर्धन के लिए कई संस्थाएं व व्यक्ति काम कर रहे है. उसका दायरा बढाने हेतु पर्यावरण संवर्धन के लिए सभी के द्वारा प्रयास किये जाने बेहद आवश्यक है. इस आशय का प्रतिपादन संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. दिलीप मालखेडे द्वारा किया गया. गत रोज विद्यापीठीय पर्यावरण पुरस्कार प्रदान समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलगुरू डॉ. मालखेडे अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. इस समय पर्यावरण पुरस्कार चयन समिती की अध्यक्षा डॉ. मिनल ठाकरे, सदस्य डॉ. अरूणा पाटील, विषयतज्ञ डॉ. निशिकांत काले, डॉ. जयंत वडतकर, कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख, सत्कारमूर्ति डॉ. सुभाष गवई, डॉ. हरिदास आखरे, कार्यकारी अभियंता शशिकांत रोडे व उद्यान अधिक्षक अनिल घोम बतौर प्रमुख अतिथी उपस्थित थे.
इस समय कुलगुरू डॉ. मालखेडे ने कहा कि, तापमान में होनेवाली वृध्दि की वजह से कैन्सर व चर्मरोग जैसी कई बीमारियां बढ गई है और अगले 50 वर्षों के दौरान तापमान में औसतन 6 डिग्री सेल्सियस की वृध्दि होने का अनुमान है. यदि तापमान में इसी तरह से बदलाव होता रहा, तो पृथ्वी पर इन्सानी जीवन नष्ट हो सकता है, क्योंकि तब बुरी तरह से गर्म हो चुकी यह धरती इन्सानों के रहनेवाले नहीं रहेगी. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, अभी से कार्बन के उत्सर्जन को नियंत्रित किया जाये, ताकि ओझोन की सतह को कोई नुकसान न पहुंचे. इसके लिए पर्यावरण का संवर्धन किया जाना बेहद जरूरी है. इस कार्यक्रम में प्रास्ताविक कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख, संचालन जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विलास नांदुरकर तथा आभार प्रदर्शन उद्यान अधिक्षक अनिल घोम द्वारा किया गया.

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