अमरावती/प्रतिनिधि दि.५ – आरक्षण में मर्यादा हो, सर्वोच्च न्यायालय ने इंदिरा साहनी फैसले में 50 प्रतिशत की अधिकतम मर्यादा को रेखांकित किया था, बावजूद इसके देवेंद्र फडणवीस सरकारने वोट बैंक की राजनीति के मद्देनजर ओपन कैेटेगरी पर अन्याय की हद तक जाकर आरक्षण को अमर्यादित कर दिया. ओपन केैटेगरी के बच्चों को एडमिशन मिलने मुश्किल हो गए थे, सरकारी नौकरिया मिलने की उम्मीद खत्म हो गई थी.
सेव मेरीट सेव नेशन के बैनल तले ओपन कैटेगरी के लोगों ने पूरे राज्य में जगह जगह रैलियां निकाली, धरने प्रदर्शन किये गए. अमरावती में भी इस तरह की गतिविधियां की गई, जिसकों ओपन कैटेगरी के पालकों, बच्चों ने सर्वोत्तम प्रतिसाद दिया. बाद में विधानसभा के चुनाव में ओपन कैटेगरी के मतदाताओं ने नाराजगी जाहीर की. भाजपा की सीटे कम हो गई. फिर सेव मेरिट सेव नेशन ने न्याय की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. अनेक अनुभवी वकीलों ने युक्तिवाद किया, देश में प्रतिभाओं को बचाने की विनंती की. चूंकि सत्य की विजय होनी ही थी, अन्याय 9पर न्याय की विजय होने थी, सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने 5-0 से इस अमर्यादित आरक्षण को रद्द किया. उल्लेखनीय है कि एक भी जज ने इसे सही नहीं ठहराया, सभी जजों ने 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा को फिर एक बार रेखांकित किया. अंतत: ओपन कैटेगरी को न्याय मिला.
सेव मेरिट सेव नेशन अमरावती शाखा व राज्य स्तर पर दूध व दूध का पानी न्यायदान हेतू माननीय सुप्रीम कोर्ट का तहेदिल से धन्यवाद किया व ओपन कैटेगरी की समस्त जनता को अध्यक्ष किरण हदगावकर, सचिव कमल सारडा समेत सर्वश्री डॉ.अविनाश चौधरी, रमेश दीक्षित, डॉ.शुभांगी मुंधडा, डॉ.जयंत पांढरीकर, नितीन राठी, डॉ.वर्षा अग्रवाल, रश्मि नावंदर, सुनील राठी, गिरीश रायचंदानी, डॉ.गोपाल बेलोकार, हरिश खत्री, डॉ.ऋषिकेश सावदेकर, गिरिधर राठी, डॉ.अटल तिवारी, डॉ.राजेंद्र सिंह अरोरा, आशिष हरकुट, अनिल नरेडी, डॉ.प्रवीण राठी, मनीष सावला, निलेश परतानी, अशोक खंडेलवाल, देवेंद्र मुणोत आदि ने बधाईयां दी.