अमरावतीमहाराष्ट्र

या तो यह बाजार नहीं या यहां मेरा खरीददार नहीं है

बडनेरा में अजीमोशान रहा कुलहिंद मुशायरा

* कमलीवाले बाबा दरगाह कमिटी का आयोजन
अमरावती/दि.03– समिपस्थ जुनीबस्ती बडनेरा स्थित कमलीवाले बाबा दरगाह कमिटी द्वारा हजरत शमशोद्दीन अलमास शाह उर्फ कमलीवाले बाबा (र.अ.) के 71 वे सालाना उर्स के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी विगत बुधवार की रात दरगाह कमिटी के प्रांगण पर कुलहिंद मुशायरे व कविसंमेलन का आयोजन किया गया. जिसमें देश भर के कई नामांकित शायरो व अदीबो ने हिस्सा लिया और अपने एक से बढकर एक अशआर व कलाम पेश करते हुए उपस्थितो की जमकर वाहवाही लुटी.

विगत 26 अप्रैल से शुरु हुए कमलीवाले बाबा के 71 वे सालाना उर्स के मौके पर आयोजित इस कुलहिंद मुशायरे का आगाज बुधवार की रात हुआ. साद ए मुशायरा मो साजीद (एस.आर.) की अध्यक्षता में शुरु हुए इस मुशायरे के कनवेनर अब्दुल मोबीन हाजी अब्दुल रशीद, मिल्लत वेलफेअर सोसायटी के अध्यक्ष नजीम करीम खान, पूर्व पार्षद शेख मोहम्मद इमरान, नितिन कदम, प्रकाश बनसोड, हाजी मुश्ताक, नूर खान बिसमिल्ला खान, अय्युब खान, लईक पटेल, जाकीर जमाल, शहजाद खान व सलिमुल्ला प्रमुख रुप से उपस्थित थे. साथ ही मुशायरे के इब्तेदाई निजामत डॉ. खालीद नय्यर एवं निजामत कर रहे नदीम फर्रुख ने मुशायरे का आगाज किया. जिसमें नात ए पाक प्रस्तुत करते हुए देश के जाने-माने शायर जौहर कानपुरी ने नदी की शान को लेकर अपने अशआर पेश किए और सुनाया कि, ‘मेरे नबी ने भी देखा था इस वतन की तरफ, यहां वफा है यहीं आपका इशारा था, फकत मुझी को नहीं मेरा मुल्क जान से अजीज, मेरी नबी को भी हिंदुस्थान प्यारा था.’ इसके साथ ही ख्यातनाम शायरा शबीना अदीब ने भी वतन की शान में अपने अशआर पेश किये. जिन्हें सुनकर सभी ने जबरदस्त दाद दी. इसके बाद अमरावती के शायर डॉ. खालीद नय्यर ने इश्क और मोहब्बत की दास्तान पेश करते हुए कहा कि, ‘शरारा हवा में कुछ ऐसा उडा दिया तुमने, तमाम शहर को शोला बना दिया तुमने, कदम-कदम पे मेरा इम्तेहान लेकर, मोहब्बत को तमाशा बना दिया तुमने.’ इसके साथ ही शायर अल्ताफ जिया ने मौजूदा हालात पर तन कसते हुए कहा कि, ‘या तो ये जगह वो है, जो बाजार नहीं है, या फिर कोई यहां मेरा खरीददार नहीं है.’

इन सभी शायरो के साथ-साथ इस मुशायरे में नईम अख्तर खादमी, कमर जावेद, सतलज राहत इंदौरी, आरिफ सैफी, सज्जाद झंझट और साबीर बडनेरवी ने भी अपने-अपने अशआरो और कलामो से जमकर वाहवाही लूटी. इस मुशायरे के सफल आयोजन हेतु दरगाह कमिटी के अध्यक्ष जकीम खान सहित अब्दुल सत्तार पहेलवान, जफर कलीम, अब्दुल सलीम, रऊफ खान, अफूक खान, अब्दुल सलीम, खलीफुल जिया व मजहर खान आदि द्वारा महत्प्रयास किए गए.

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