35 किलो चांदी से सजेगा एकवीरा देवी का गर्भगृह
भक्तों ने ही गत 5 वर्षो में की है अर्पण
* नाशिक के कारीगर सजा रहे रजत कलश
* नवरात्रि 2024 विशेष
अमरावती/ दि. 25 – शारदीय नवरात्रि उत्सव को लेकर इस बार श्रध्दालुओं में अधिक उत्साह है. चर्चा है कि इस बार 9 नहीं अपितु 10 नवरात्रि रहनेवाली है. ऐसे में अंबा और एकवीरा माता संस्थान में व्यापक तैयारियां हो रही है. पदाधिकारी और सभी सेवादार जुटे हैं. देवी के गहनों तथा भोग आदि के बर्तनों की गत रविवार को संपूर्ण सुरक्षा और पावित्र्य रखते हुए साफ सफाई की गई. उसी प्रकार इस बार भक्तों के लिए दैनंदिन अभिषेक, पूजन की सेवाएं रहेगी. अमरावती मंडल को सूत्रों ने बताया कि एकवीरा देवी का गर्भगृह चांदी का बनाया जा रहा है. नाशिक से विशेष कारीगर पधारे हैं जो चांदी का कलश और अन्य डिजाइन बडी खूबी से तैयार कर रहे हैं.
* भक्तोें ने अर्पण की है चांदी
एकवीरा देवी संस्थान के पदाधिकारी ने अमरावती मंडल को बताया कि विगत 5 वर्षो से भक्तों से आवाहन किया गया था. कई भक्तों ने देवी के गर्भगृह के लिए श्रध्दापूर्वक चांदी अर्पित की है. उसी प्रकार संस्थान के पास एकत्र पुरानी चांदी को भी इसमें जोडा गया है. जिससे अत्यंत भव्य चांदी का गर्भगृह, रजत कलश बनाया जा रहा है. भाविकों को यह गर्भगृह अवश्य आकर्षित करेगा. उल्लेखनीय है कि एकवीरा देवी मंदिर का शिखर भी पिछले वर्ष दर्जनों कारीगर लगाकर चकाचक किया गया था. अब गर्भगृह को रजत स्वरूप देने से मंदिर की भव्यता में अभिवृध्दि हो जायेगी.
* 35 किलो से अधिक रजत
नाशिक के कारीगर जोशी के साथ मिलकर 6 कर्मचारी रात दिन रजत गर्भगृह तैयार करने में जुटे हैं. आगामी 1 अक्तूबर तक यह गर्भगृह तैयार हो जाने की जानकारी भी संस्थान पदाधिकारी ने दी. उन्होंने बताया कि शारदीय नवरात्रि उत्सव को 3 अक्तूबर को प्रारंभ हो रहा है. उस दिन सबेरे श्रेष्ठ मुहूर्त में घटस्थापना होगी. उसी के संग रजत गर्भगृह, रजत कलश का पूजन आदि भी हो सकता है. अभी तो तेजी से रजत कलश निर्माण का कार्य शुरू है. गर्भगृह में नीचे लकडी का बेस देकर उपर चांदी की परत पर नक्काशी का कार्य किया जा रहा है. 35 किलो चांदी इसमें लगनेवाली है.
* प्रसादी भोजन का प्रबंध
एकवीरा देवी संस्थान में अन्न क्षेत्र वर्ष 2007 से सेवारत हैं. संपूर्ण वर्ष नाममात्र शुल्क में रोज 800 से 1100 भाविक यहां भोजन प्रसादी पाते हैं. उसी प्रकार नवरात्रि के 9 दिन पासधारक श्रध्दालुओं को नि:शुल्क प्रसादी भोज दिया जाता है. अन्न क्षेत्र में टेबल आदि के साथ बैठकर भोजन पाने की सुंदर व्यवस्था है. दर्जनों सेवादार तत्पर रहते हैं. उसी प्रकार रोटी बनाने के लिए खासतौर से गुजरात से मशीन मंगाई गई है. नवरात्रि दौरान रोजाना 5 से 6 हजार भाविक प्रसाद पाने की जानकारी संस्थान के पदाधिकारियों ने दी. भाविकों की सुविधार्थ विशाल पंडाल, चप्पल स्टैंड, शीतल पेयजल और अन्य सेवाएं उपलब्ध हैं. पूरे 9 दिन कीर्तन और भजनों का आयोजन होता हैं.