चुनावी काउंटडाउन हुआ शुरु, प्रचार हेतु बचे है केवल दो दिन
250 किमी के दायरे में फैला है अमरावती संसदीय क्षेत्र
* प्रत्येक मतदाता तक पहुंचना सभी 37 प्रत्याशियों के लिए अग्निपरीक्षा
* 1200 गांवों व 18 लाख मतदाताओं तक पहुंचने की जद्दोजहद
अमरावती /दि.22– अमरावती संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव हेतु प्रत्याशियों के पास खुले प्रचार करने के लिए अब केवल दो दिनों का समय बचा हुआ है और इस अवधि के भीतर अमरावती संसदीय क्षेत्र में लगभग 250 किमी के दायरे में स्थित 1200 गांवों में रहने वाले 18.36 लाख मतदाताओं तक पहुंचना हर उम्मीदवार के लिए काफी चुनौती वाला काम साबित हो रहा है. जिसके लिए सभी प्रत्याशी अच्छी खासी जद्दोजहर कर रहे है. साथ ही साथ लगभग सभी गांवों में प्रचार सभा व छोटे गांवों में रैली निकालकर मतदाताओं के साथ संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है.
ज्ञात रहे कि, अमरावती जिले के मोर्शी व धामणगांव विधानसभा क्षेत्र वर्धा लोकसभा क्षेत्र में शामिल है. वहीं शेष तीन विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं द्वारा अमरावती संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला किया जाएगा. जहां से इस बार 37 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है. जिसमें से कुछ राजनीतिक दलों के प्रत्याशी अपने पांव में चकरी लगाकर पूरे निर्वाचन क्षेत्र में घूम रहे है. अमरावती संसदीय क्षेत्र लगभग 250 किमी के दायरे में फैला हुआ है और इस निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 1200 छोटे व बडे गांव शामिल है. साथ ही इन गांवों में 1983 मतदान केंद्र है. जहां पर अमरावती संसदीय क्षेत्र के 18 लाख 8 हजार 901 मतदाताओं द्वारा अपने मतदाधिकार का प्रयोग करते हुए चुनावी अखाडे में खम ठोंक रहे 37 प्रत्याशियों में से किसी एक को अपना संसदीय प्रतिनिधि चुना जाएगा.
ऐसे में प्रत्येक राजनीतिक दल सहित चुनावी अखाडे में मौजूद प्रत्याशियों द्वारा संसदीय क्षेत्र में रहने वाले प्रत्येक मतदाता तक अपनी पहुंच बनाने के लिए नई-नई युक्तियों पर अमल किया जा रहा है. चूंकि राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के पास अपने पदाधिकारियों के साथ-साथ घटक दलों के भी पदाधिकारी होते है. जिनके जरिए छोटे-छोटे गांवों तक उनका प्रचार होता रहता है. परंतु छोटे राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों एवं निर्दलीय उम्मीदवारों को 250 किमी के दायरे में फैले अमरावती संसदीय क्षेत्र में प्रचार करने हेतु अच्छी खासी जद्दोजहद करनी पड रही है.
* निर्वाचन क्षेत्र की स्थिति
मतदान केंद्र 1,983
मतदाता संख्या 18,08,901
गांवों की संख्या 1,200
भौगोलिक क्षेत्र 250 किमी
* दूसरे चरण में नेताओं के दौरे
अमरावती संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार का दूसरा चरण शुरु होते ही राजनीतिक गहमा-गहमी दिखाई देनी शुरु हो गई और सभी राजनीतिक दलों द्वारा अमरावती संसदीय क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रीत करना शुरु कर दिया गया है. जिसके तहत अब सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की अमरावती संसदीय क्षेत्र में सभाएं होनी शुरु हो गई है. जिसके चलते चुनाव प्रचार में अच्छी खासी तेजी दिखाई देने लगी है.
* 24 को प्रचार होगा बंद
बता दें कि, अमरावती संसदीय क्षेत्र में आगामी 26 अप्रैल को सुबह 7 बजे के शाम 6 बजे तक मतदान होगा. ऐसे में मतदान का समय खत्म होने से 48 घंटे पहले यानि 24 अप्रैल की शाम 6 बजे प्रचार बंद हो जाएगा. ऐसे में 24 अप्रैल को अमरावती शहर सहित जिले के सभी तहसील क्षेत्रों व बडे गांवों में सभी प्रत्याशियों द्वारा प्रचार रैलियां निकालकर अंतिम बार अपना शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा. जिसके बाद छिपे तौर पर प्रचार शुरु करने के साथ ही घर-घर जाकर भेंट देते हुए व्यक्तिगत जनसंपर्क पर जोर दिया जाएगा.
* 26 को मतदान वाले दिन बंद रहेंगे जिले के साप्ताहिक बाजार
– जिलाधीश कटियार ने जारी किया आदेश
आगामी 26 अप्रैल को वर्धा संसदीय क्षेत्र में शामिल धामणगांव रेल्वे एवं मोर्शी विधानसभा क्षेत्र तथा अमरावती संसदीय क्षेत्र में शामिल अमरावती जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों में एक ही दिन लोकसभा चुनाव हेतु मतदान होना है. इन दिन जिले के कई गांवों में साप्ताहिक बाजार का भी दिन है. ऐसे में यदि साप्ताहिक बाजार लगता है, तो मतदान केंद्र वाले परिसर में भीडभाड होकर मतदान वाले दिन मतदान प्रक्रिया में बाधा पहुंच सकती है. इस बात के मद्देनजर 26 अप्रैल को सभी संबंधित क्षेत्रों में लगने वाले साप्ताहिक बाजार को बंद रखने का आदेश जिला निर्वाचन निर्णय अधिकारी तथा जिला न्याय दंडाधिकारी सौरभ कटियार द्वारा जारी किया गया है.
* तेज धूप व उमस में प्रचार करना भी हुआ मुश्किल
विशेष उल्लेखनीय यह भी है कि, इस बार के चुनाव में सभी उम्मीदवारों के समक्ष कम समय में अधिक से अधिक मतदाताओं तक पहुंचने की चुनौती थी. जिसमें भीषण गर्मी और तेज धूप वाला मौसम भी आडे आ रहा था. लेकिन इसके बावजूद भी सभी प्रत्याशियों ने तहसील एवं गांव निहाय प्रचार का नियोजन करते हुए अधिक से अधिक गांवों तक पहुंचने का पूरा प्रयास किया. परंतु गर्मी व धूप की बढती तीव्रता के साथ-साथ भीषण उमस की वजह से उम्मीदवारों सहित चुनाव प्रचार में जुटे पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी काफी त्रस्त रहे. ज्ञात रहे कि, विगत तीन दिनों से जिले का औसत अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक है. जिसके चलते सुबह 10 बजे के बाद घर से बाहर निकलना ही मुश्किल हो रहा है. ऐसे में चुनाव प्रचार की बैठकों व सभाओं में उपस्थिति बेहद सीमित हो रही है.
* वैवाहिक मुहूर्त भी आडे आ रहे प्रचार एवं चुनाव के
इस समय जहां एक ओर चुनाव प्रचार की धामधूम चल रही है, वहीं दूसरी ओर शादी ब्याह का सीजन भी जमकर चल रहा है. आये दिन कहीं ना कहीं वैवाहिक समारोह आयोजित रहने के चलते चुनाव प्रचार का काम प्रभावित हो रहा है. क्योंकि कई लोगबाग शादी ब्याह के कामों में व्यस्त है. वहीं सबसे खास बात यह भी है कि, आगामी 26 अप्रैल को ऐन मतदान वाले दिन ही बडा वैवाहिक मुहूर्त रहने के चलते बडी संख्या में शादी ब्याह के समारोह भी आयोजित है. जिसकी वजह से मतदान का प्रतिशत प्रभावित होने की भी संभावना है. इस बात को लेकर भी सभी राजनीतिक दल और प्रत्याशी काफी हद तक साशंकित है.