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समीकरण बदलने के दिख रहे पूरे आसार
अमरावती प्रतिनिधि/दि.१० – अमरावती संभाग के शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव की हलचलें तेज हो गयी है. विगत मंगलवार को ही स्थानीय जिलाधीश कार्यालय में इस चुनाव को लेकर एक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें मतदान केंद्रों के बारे में जानकारी दी गई. प्रशासन द्वारा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव को लेकर कामकाज शुरू किये जाते ही यह चुनाव लडने के इच्छूक प्रत्याशि भी अपने काम में लग गये है और अब चुनावी हलचलें काफी तेज हो गयी है. वहीं दूसरी ओर शारीरिक शिक्षक भी इस बार राजनीतिक मैदान में उतरकर संभाग के ५ हजार शारीरिक शिक्षकों का प्रतिनिधित्व करने को लेकर तैयारी कर रहे है. ऐसे में इस बार क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बदलने के पूरे आसार दिखाई दे रहे है. बता दें कि, विधान परिषद में अमरावती विभागीय शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का कार्यकाल विगत २९ जुलाई को खत्म हो गया, लेकिन कोरोना संक्रमण के खतरे की वजह से शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव अब तक अटका पडा है और अब तक चुनाव की अधिसूचना भी जारी नहीं हुई है. लेकिन बावजूद इसके इसकी पूर्व तैयारी जरूर शुरू हो गयी है. कोरोना काल से पहले जून या जुलाई माह के आसपास होनेवाले शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव को देखते हुए कई शिक्षक संगठनों ने चुनाव की तैयारी करनी शुरू की थी, लेकिन मार्च माह से कोरोना का संक्रमण फैलते ही यह तैयारी धरी की धरी रह गयी.
विधान परिषद के अमरावती संभागीय शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में जून अथवा जुलाई माह में होने की पूरी संभावना थी, लेकिन मार्च माह से कोरोना संक्रमण के बढते खतरे को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने इसकी अधिसूचना ही नहीं निकाली. लेकिन अब जैसे-जैसे अनलॉक की प्रक्रिया आगे बढ रही है और कोरोना संक्रमण का खतरा घट रहा है, वैसे-वैसे इस संभावना को बल मिल रहा है कि, शिक्षक विधायक चुनाव की अधिसूचना अब कभी भी जारी हो सकती है और इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी इच्छूक उम्मीदवार मतदाताओें से संपर्क करने पर जोर दे रहे है. बता दें कि, कोरोना संकट से पहले निर्वाचन विभाग द्वारा विभागीय स्तर पर मतदाता सूची तैयार करने का काम शुरू किया गया था. साथ ही इच्छूक उम्मीदवारों ने भी मतदाता पंजीयन का काम शुरू किया था. जिसमें से काफी हदतक काम पूरे भी कर लिये गये थे. साथ ही साथ कई इच्छूक उम्मीदवारों ने मतदाताओं के साथ सहभोजन का आयोजन करते हुए शिक्षक सम्मेलन भी आयोजीत किये थे. लेकिन इसी बीच कोरोना वायरस का संक्रमण बढने लगा और सभी शालाओं व महाविद्यालयों को २२ मार्च से बंद कर दिया गया. लंबे समय तक कोरोना का संक्रमण नियंत्रण में न आने की वजह से चुनाव को लेकर काफी संभ्रमवाली स्थिति बन गयी और अब तक निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन चुनाव कभी भी हो सकते है. इस आशा पर इच्छूक उम्मीदवारों ने शिक्षकों के साथ अपना संपर्क कायम रखा है और शिक्षकोें की समस्याओं को हल करने हेतु इच्छूक उम्मीदवारों में जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा भी देखी जा रही है.
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लडने हेतु राज्य शिक्षा परिषद, शिक्षक आघाडी, शिक्षक महासंघ, विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संगठन, विदर्भ ज्युनियर टिचर्स एसो. (विज्युक्टा), भाजपा शिक्षक सेल, विभागीय शिक्षक संघ व शिक्षक सेना आदि ने शिक्षक मतदाताओं का पंजीयन किया है. साथ ही कई शिक्षक संगठनों ने अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी कर दी है. जिसके तहत पता चला है कि, इस बार अब तक केवल मतदान करनेवाले शारीरिक शिक्षा तथा कला व कार्यानुभव शिक्षक भी चुनावी मैदान में उतरने हेतु पूरी तरह से तैयार है. यदि ऐसा होता है तो इस बार इस चुनाव के समीकरण काफी हद तक बदल सकते है. क्योंकि संभाग में शारीरिक एवं कला व कार्यानुभव शिक्षकोें की संख्या पांच हजार के आसपास है. शारीरिक शिक्षा विषय समिती द्वारा इस संदर्भ में एक परिपत्रक जारी करते हुए कहा गया है कि, कला, क्रीडा, संगीत व कार्यानुभव जैसे विषय पढानेवाले पांच हजार शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं पर अब तक किसी भी शिक्षक विधायक द्वारा ध्यान नहीं दिया गया है. ऐसे में समिती ने इस बार खुद अपना प्रतिनिधि मैदान में उतारने का निर्णय लिया है और समिती के पास पसंदक्रमवाली मतदान पध्दति के चलते अपने उम्मीदवार को विजयी बनाने की क्षमता भी है.
शारीरिक शिक्षकों की इस भुमिका को देखते हुए कहा जा सकता है कि, यदि इस बार शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में शारीरिक शिक्षकों का संगठन अपना अलग चूल्हा जलाता है तो इस बार संभाग के शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल सकते है. पता चला है कि, शारीरिक शिक्षक समिती की ओर से उम्मीदवारी के लिए दावेदार के तौर पर अमरावती निवासी डॉ. नितीन चवाले, शिवदत्त ढवले व संदीप इंगोले, अचलपुर निवासी प्रदीप फडके तथा यवतमाल निवासी मनोज येंडे के नाम तय किये गये है. इन पांचों नामों में से जिस प्रत्याशि के नाम पर सर्वाधिक सहमति बनेगी, उसे समिती की ओर से अपना अधिकृत प्रत्याशि घोषित किया जायेगा.