अमरावती प्रतिनिधि/दि.३0 – कोरोना का आम जीवन के साथ साथ चुनाव पर भी असर पड़ा है. सहकारी बैंकों के साथ ही सहकारी संस्था, कृषि उपज मंडी, जिला परिषद बैंक के साथ नागरी सहकारी पतसंस्थाओं के चुनाव लटक गए है. अब सवाल यह है कि इसमें से अधिकांश चुनाव को जनवरी फरवरी तक ही एक्सटेंशन मिला है लेकिन लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना के आंकडों के कारण चुनाव कार्यक्रम घोषित करने पर भी प्रश्नचिन्ह लगने की संभावना दर्शायी जा रही है.
*ग्रापं चुनाव की प्रक्रिया दुबारा
ग्राम पंचायत सार्वत्रिक चुनाव कोरोना महामारी संक्रमण के डर से ग्रामविकास मंत्रालय से स्थगित की गई. जिसके चलते हजारों उम्मीदवारों की उम्मीदों पर पानी फेर गया. अब यह चुनाव प्रक्रिया दुबारा लेने का निर्णय चुनाव आयोग ने घोषित किया है.उल्लेखनीय है कि ५५३ ग्रामपंचायतोंं के चुनाव पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत चुनाव प्रक्रिया के दौरान जिन १३ हजार ५२९ उम्मीदवारो ंने नामांकन दाखिल करते समय शुल्क अदा किया है वह भी वापस मांगने की गुहार उम्मीदवारों ने नाराजगी के चलते लगाई है. चुनाव विभाग की माने तो अनुसूचित जाति के लिए १०० रूपये सर्वसाधारण के लिए ५०० रूपये शुल्क लिया गया.
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जिप शिक्षक बैंक व एपीएमसी को राहत
जिला परिषद शिक्षक बैंक के चुनाव फरवरी माह में आयोजित किए जानेवाले है. उसी प्रकार एपीएमसी के संचालक मंडल को भी एक्सटेंशन पर दिए जाने से उन्हें राहत मिली है. लेकिन उसमें भी बढ़ोतरी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. दिसंबर माह की शुरूआत से ही कोरोना के आंकड़े बढ़ते नजर आरहे है. जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग ने भी जनवरी व फरवरी माह में आकड़े बढऩे की संभावना जताई है. परिणामत: जो चुनाव होनेवाले है उसे भी दुबारा एक्सटेंशन दिए जाने से संचालको के अतिरिक्त समय तक संचालक पद पर विराजमान रह पाएंगे. सहकारी संस्था के चुनाव भी रद्द होने से कई संस्थाओं पर प्रशासको की नियुक्ति की गई है.
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बढ़ते जा रहे आंकडे
कोरोना के आंकड़े बढ़ जाने से चुनाव रद्द भी किए जा सकते है.इसकी प्रोसेस वरिष्ठ स्तर से की जाती है. इसलिए आंकड़े बढ़ेगे तो निर्णय लिया जाएगा. लेकिन कुछ कहना गलत होगा.