अमरावतीमहाराष्ट्र

होली के बाद तपेगा अमरावती संसदीय क्षेत्र में चुनाव

सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को लेकर बना हुआ है जबर्दस्त ‘सस्पेन्स’

* महायुति व महाविकास आघाडी सहित सभी राजनीतिक दलों में ‘वेट एण्ड वॉच’
अमरावती /दि.18– केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा विगत शनिवार को आगामी लोकसभा चुनाव की घोषणा कर दी गई. जिसके चलते अब आचार संहिता लागू हो गई है तथा अमरावती संसदीय क्षेत्र में 26 अप्रैल 2024 को मतदान कराया जाएगा. लेकिन इसके बावजूद अब तक इस बात को लेकर सस्पेन्स बना हुआ है कि, किस राजनीतिक दल की ओर से प्रत्याशी कौन होगा. साथ ही प्रत्याशी घोषित करने को लेकर राज्य की  सत्ताधारी महायुति सहित विपक्ष में रहने वाली महाविकास आघाडी तथा अन्य राजनीतिक दलों ने भी अमरावती में उम्मीदवार देने को लेकर ‘वेट एण्ड वॉच’ की भूमिका अपना रखी है. यद्यपि इस समय अमरावती की मौजूदा सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाणपत्र को लेकर अमरावती संसदीय क्षेत्र का मामला पूरे देशभर में गरमाया हुआ है. लेकिन हकीकत में होली के बाद से ही अमरावती संसदीय क्षेत्र में राजनीतिक माहौल तपना शुरु होगा. ऐसी राजनीतिक स्थिति फिलहाल दिखाई दे रही है.
बता दें कि, भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची राज्य की 20 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित किये. लेकिन विपक्षी दलों द्वारा अब तक राज्य की किसी भी सीट पर उम्मीदवार तय नहीं किये जा सके है. वहीं दूसरी ओर सांसद नवनीत राणा ने अमरावती संसदीय क्षेत्र में सघन दौरा करना शुरु कर दिया है और वे हल्दी कुमकुम कार्यक्रम के जरिए महिलाओं के माध्यम से घर-घर अपनी पहुंच बना रही है. लेकिन इसके बावजूद नवनीत राणा की उम्मीदवारी को लेकर सस्पेन्स अभी बना हुआ है. उधर महाविकास आघाडी में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार) व शिवसेना (उद्धव ठाकरे) इन तीनों राजनीतिक दलों के बीच सीटों के बंटवारे का मसला अटका पडा है. वहीं वंचित बहुजन आघाडी के प्रकाश आंबेडकर की ओर से सीटों के बंटवारे को लेकर हर दिन नये-नये प्रस्ताव आने से भी महाविकास आघाडी के लिए सिरदर्द वाली स्थिति बन रही है और अपने-अपने बडप्पन व वर्चस्व को दिखाने के चक्कर में महाविकास आघाडी में शामिल घटक दलों के बीच आपसी सामंजस्य भी नहीं बन पा रहा. यद्यपि भाजपा को रोकना ही विपक्ष दलों की पहली प्राथमिकता है. परंतु उनके बीच सीटों के बंटवारे को लेकर भी आपसी रस्सीखींच चल रही है. इधर महायुति में भी शिवसेना शिंदे गुट द्वारा अमरावती की सीट पर दावा किये जाने के चलते भाजपा के सामने कुछ हद तक पेंच वाली स्थिति पैदा हो गई है. लेकिन उम्मीदवार ही तय नहीं हो जाने की वजह से अब तक अमरावती संसदीय क्षेत्र में चुनावी माहौल ही तैयार नहीं हो पाया है.

* भाजपा अंतर्गत उम्मीदवार की खोज में चल रही बैठकें
भाजपा में अमरावती की सीट को लेकर मसला अब तक हल नहीं हुआ है. सांसद नवनीत राणा के पार्टी प्रवेश को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है. लेकिन अब तक इसे लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है. ऐसे में भाजपा की ओर से उम्मीदवार कौन होगा, यह अब तक स्पष्ट नहीं है. वहीं दूसरी ओर भाजपा के ही किसी पदाधिकारी या कार्यकर्ता को टिकट दिये जाने की मांग भाजपा में जोर पकड रही है. जिसके चलते भाजपा के जिला पदाधिकारियों की विगत शनिवार को अचलपुर में एक बैठक आयोजित की गई. जिसमें प्रत्याशी बनाये जाने हेतु अनुसूचित जाति से वास्ता रखने वाले पदाधिकारी व कार्यकर्ता के नाम पर विचार विमर्श भी किया गया.

* क्या नवनीत राणा रहेगी भाजपा की स्टार प्रचारक?
आगामी लोकसभा चुनाव में सांसद नवनीत राणा भाजपा की स्टार प्रचारक रह सकती है. ऐसे संकेत विगत शनिवार को हुए युवा स्वाभिमान पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में विधायक रवि राणा द्वारा दिये गये. जिसके बाद सांसद नवनीत राणा द्वारा भाजपा में प्रवेश लिये जाने के बारे में भी घोषणा की गई और यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि, युवा स्वाभिमान पार्टी एनडीए में घटक दल के तौर पर कायम रहेगा एवं एनडीए द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसे सांसद नवनीत राणा मान्य किया जाएगा. इस समय सांसद व विधायक राणा दम्पति द्वारा जबर्दस्त भाषण भी दिया गया, लेकिन अमरावती से उम्मीदवारी किसे मिलेगी, इसे ‘गुलदस्ते’ में रखा गया.

* आंबेडकरी एजेंडा महाविकास आघाडी की ओर
अमरावती संसदीय क्षेत्र मेंं आंबेडकरी समाज महाविकास आघाडी की ओर रखा रहेगा, ऐसा निर्णय जिले के आंबेडकरवादी नेताओं व कार्यकर्ताओं द्वारा लिया गया है. आंबेडकरी विचारधारा के साथ जुडे नेताओं की कल रविवार को अमरावती के एक होटल में बैठक हुई. जिसमें बैठक के निमंत्रक प्रदीप दंदे ने कहा कि, संविधान विरोधी भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए आंबेडकरी एजेंडा तय किया जा रहा है. जिसके तहत महाविकास आघाडी के उम्मीदवार को समर्थन दिया जाएगा. इस हेतु महाविकास आघाडी को यह एजेंडा तय करना होगा कि, देश में सरकारी कब्जे में रहने वाले उद्योगों, कंपनियों व शालाओं का निजीकरण नहीं किया जाएगा.

* मविआ में अमरावती सीट किसके पास?
महाविकास आघाडी में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार) व शिवसेना (उद्धव ठाकरे) इन तीनों दलों के बीच सहमति नहीं बन पा रही. चुनाव की तारीख घोषित होने के बावजूद भी महाविकास आघाडी में अमरावती संसदीय सीट किसके हिस्से में रहेगा, यह तय नहीं हो पाया है. कांग्रेस ने जहां अमरावती संसदीय क्षेत्र को अपनी परंपरागत सीट बताया है. वहीं शिवसेना उबाठा ने इसे अपना मजबूत गढ बताते हुए इस सीट पर अपना दावा कर रखा है. जिसके चलते महाविकास आघाडी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी काफी संभ्रमावस्था में है और उन्हें यह पता ही नहीं चल रहा है कि, आखिर चल क्या रहा है.

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