अमरावती / दि.20-शहर के 672 शासकीय कार्यालयों को महावितरण की ओर से बिजली की आपूर्ति की जाती है. इनमें 342 कार्यालयों पर महावितरण का 51 लाख 90 हजार रूपये बिजली का बिल बकाया है. कोरोना काल में महावितरण के ग्राहको पर करोडों रूपये के बिल बकाया रहने पर बकायादार ग्राहको की बिजली आपूर्ति खंडित की जा रही है.
ऐसे में बिल बकाया रहनेवाले शासकीय कार्यालयों पर मात्र किसी प्रकार की कार्रवाई महावितरण की ओर से नहीं की जा रही है, ऐसा आरोप सामान्य उपभोक्तओं द्बारा लगाया गया है. शासकीय कार्यालयों को सहूलियत र्क्योेंं , ऐसा प्रश्न सामान्य उपभोक्ताओं द्बारा उपस्थित किया जा रहा है.
* शासकीय कार्यालयों की बिजली आपूर्ति क्यों नहीं खंडित की
बिजली का बिल अदा न करने पर एक ओर सामान्य उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति खंडित की जा रही है. वहीं दूसरी ओर शासकीय कार्यालयोें द्बारा बिजली का बिल अदा न करने पर महावितरण ने उन्हें केवल नोटिस भेजी है, ऐसा प्रश्न सामान्य उपभोक्ताओं द्बारा उपस्थित किया जा रहा है. इस पर महावितरण द्बारा कहा गया है कि कुछ कार्यालय अत्यावश्यक सेवा के होने के चलते उनकी बिजली खंडित की जा सकती.
* 342 कार्यालयों पर 51.90 लाख बकाया
शहर में महावितरण के 672 शासकीय ग्राहक कार्यालय है. इनमें से 342 कार्यालयों पर 51 लाख 90 हजार रूपये महावितरण के बकाया है. कंपनी की ओर से विद्युत बिल बकाया रहनेवाले कार्यालयों को बिल भरने के संदर्भ में नोटिस जारी की गई है.