अमरावती

किसानों की ओर बकाया है 2759 करोड रुपयों की बिजली बिल

इन्फ्रास्ट्रक्चर की दुरुस्ती रुकी

39 करोड की वसूली से बढी दिक्कते
अमरावती/दि.3 – महावितरण के अमरावती परिमंडल में 2 लाख 45 हजार किसानों की ओर 2759 करोड रुपयों के विद्युत बिल बकाया है. अमरावती परिमंडल सहित समूचे राज्य में किसानों की ओर कृषि पंप के विद्युत बिल बकाया रहने के चलते इन बिलों की वसूली के लिए महावितरण कंपनी ने विद्युत बिल माफी की नीति घोषित की. बकाया रकम की वसूली के बाद ही कृषि क्षेत्र में आवश्यक उपाय किए जा सकेंगे. परंतु अतिवृष्टि व फसलों की बर्बादी के चलते ज्यादातर किसान अपने बकाया बिल अदा नहीं कर पाए. जिसकी वजह से कृषि खेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर की दुरुस्ती से संबंधित उपायों पर ब्रेक लगा हुआ है.
बता दें कि, समूचे राज्य में किसानों की ओर बडे पैमाने पर कृषि पंपों के विद्युत बिल बकाया है. इन विद्युत बिलों की वसूली के लिए विद्युत वितरण कंपनी द्बारा अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें 31 मार्च 2022 तक बकाया रहने वाली विद्युत बिल पर ब्याज व विलंब शुल्क माफी सहित मूल बकाया राशि में 50 फीसद की छूट दी गई थी. लेकिन इसके बावजूद अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते बकायादार किसान अपने विद्युत बिल अदा नहीं कर पाए और उनकी ओर विद्युत बिलों की रकम बकाया रही. जिसकी वजह से विद्युत वितरण कंपनी अच्छी खासी दिक्कत में फंस गई. क्योंकि बकाया रकम की वसूली से मिलने वाली निधि के आधार पर ही इन्फ्रास्ट्रक्चर का गणित तय किया जाना था.
हकीकत में इस समय तक केवल 13 हजार किसानों से 39 करोड रुपयों की विद्युत बिल वसूली हुई है और अब भी 2 लाख 32 हजार किसानों ने बकाए की रकम अदा नहीं की है. इसका पहला चरण मार्च 2022 तक था और पहले चरण में 50 फीसद माफी के निर्णय का लाभ 13 हजार 50 किसानों ने लिया. वहीं अब दूसरे चरण में बकाया विद्युत बिल व विलंब शुल्क की रकम सहित मूल रकम मेें 30 फीसद की छूट देने का निर्णय लिया गया है. जिसके तहत 2759 करोड रुपए में से निर्लेखन व समाजयोजन के जरिए 1076 करोड 31 लाख रुपए माफ हो गए है. 30 फीसद बकाया माफ होने के चलते 1177 करोड 2 लाख 32 हजार रुपए किसानों को अदा करने होंगे.
कैसे करे अदायगी
अतिवृष्टि के चलते किसानों की फसलों का काफी नुकसान हुआ है. साथ ही खुले बाजार में कृषि उपज के दाम भी घट गए है. जिसके चलते किसानों ने अपनी फसल फिलहाल बाजार में नहीं बेची है. जिसकी वजह से किसानों की जेब खाली है और आगे चलकर उनके पास कितने पैसे आएंगे, यह भी पता नहीं है. ऐसी स्थिति में बकाया विद्युत बिल की रकम कहा से अदा की जाए, यह किसानों के सामने सबसे बडा सवाल है.
डीपी व फेज की ओर ध्यान नहीं, आधी रात के बाद विद्युत आपूर्ति
चूंकि महावितरण की बकाया वसूली अटकी पडी है, ऐसे में वसूल होने वाले बिलों की रकम पर ही दुरुस्ती व नई योजनाओं के काम आश्रीत रखे गए है. महावितरण की इस नीति के चलते कई क्षेत्रों में डीपी बंद हो जाने पर उसकी दुरुस्ती करवाने या नई डीपी लगवाने के लिए किसानों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पडता है. इसके साथ ही अगर लाइन में किसी तरह की कोई दिक्कत आती है, तो उसके दुरुस्ती में काफी लंबा समय लगता है. कई स्थानों पर डीपी में फेज ग्रिप नहीं है और खुले तार दिखाई देते है. इसके साथ ही ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में आधी रात केवल विद्युत आपूर्ति होती है. जिसकी वजह से किसानों की आर्थिक दिक्कतें बढ गई है.

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