बिजली कंपनी के पास केवल दो दिनों का कोयला बाकी
शहर व जिले समेत समुचे राज्य में अघोषित लोडशेडिंग शुरु
* पहले चरण में बिजली की चोरी, बकाया क्षेत्रों का समावेश
* ऐन समय पर मिल रहा है लोडशेडिंग का आदेश
* बिजली की डिमांड पूर्ण करने में कम पड रही बिजली कंपनी
* डेली 3 हजार मेगा वैट बिजली की डिमांड
अमरावती/ दि.12– वर्तमान में बिजली की डिमांड बढ जाने से इस बढती डिमांड को पूर्ण करने में बिजली कंपनी कम पड रही है. ऐसे में शहर व जिले समेत समुचे राज्य में अघोषित लोडशेडिंग शुरु हो गया है. दूसरी ओर बिजली कंपनी के पास केवल दो दिनों का ही कोयला शेष रहने से डेली 2 हजार 500 से 3 हजार मेगा वैट बिजली की कमी महसूस हो रही है. यह कमी भरने के लिए शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के फिडरों पर बिजली नियामक आयोग के मार्गदर्शक सूचनाओं के तहत लोडशेडिंग शुुरु किया गया है. ऐसी जानकारी स्थानीय बिजली अधिकारियों व्दारा दी जा रही है. लोडशेडिंग के पहले चरण के तहत जिन क्षेत्रों में बिजली की चोरी होती है या बडी संख्या में बिल बकाया है, उन इलाकों में बिना समय सारणी के ही कभी भी लोडशेडिंग किया जा रहा है. लोडशेडिंग करने को लेकर ऐन समय पर निर्देश प्राप्त होते है उस हिसाब से लोडशेडिंग का नियोजन बिजली कंपनी ने किया है. अमरावती जिले के अलावा संपूर्ण महाराष्ट्र में ही बिजली संकट के बादल मंडरा रहे है. यही वजह है कि पिछले कुछ दिनों से अमरावती शहर व जिले में अघोषित लोडशेडिंग की जा रही है. जिसके चलते भीषण गर्मी के मौसम में लोग परेशान है.
महावितरण कंपनी व्दारा दिए गए जानकारी अनुसार विगत फरवरी महीने से तापमान का पारा तेजी से बढा है जिससे बिजली की डिमांड भी उसी तेजी से बढ रही है. वर्तमान में औद्योगिक उत्पादनों के साथ-साथ कृषिपंपों के माध्यम से भी बिजली का इस्तेमाल बढ गया है. जिससे राज्य में 28 हजार मेगा वैट से अधिक बिजली की डिमांड है. विगत वर्ष की तुलना में यह डिमांड 4 हजार मेगा वैट से बढ गई है. जिससे विगत 15 दिनों से महावितरण को डेली 24 हजार 800 मेगा वैट बिजली लग रही है. विशेष उल्लेखनीय कि, रात के समय पर भी 23 हजार मेगा वैट तक बिजली लग रही है. दूसरी ओर महावितरण की बिजली उत्पादन क्षमता 37 हजार 900 मेगा वैट की है. उसमें से स्थापित क्षमता 33 हजार 700 मेगा वैट इतनी है. इसमें से 21 हजार 57 मेगा वैट बिजली औष्णीक प्रकल्पों में तैयार होती है लेकिन कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन घट गया है. वहीं कुछ औष्णीक प्रकल्प देखभाल व दुरुस्ती के लिए बंद रहने से महावितरण को औष्णीक बिजली प्रकल्पों से 6 हजार मेगा वैट बिजली कम मिल रही है. यह कमी पूरी करने के लिए निजी कंपनियों से बिजली खरीदी करने का निर्णय महावितरण ने लिया है. लेकिन वर्तमान में डेली 3 हजार मेगा वेट बिजली की कमी जा रही है जिससे मजबूरन शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के फिडरों पर लोडशेडिंग करना पड रहा है ऐसा बिजली कंपनी व्दारा बताया जा रहा है.
* शहर में इन इलाकों में लोडशेडिंग का शॉक
महावितरण व्दारा किए जा रहे अघोषित लोडशेडिंग में शहर के दर्जनों इलाका का समावेश है. जिनमें रुख्मिणी नगर परिसर, गांधी नगर, राजापेठ, बेलपुरा, हमालपुरा, खापर्डे बगीचा, समाधाननगर, गाडगेनगर, यशोदा नगर, रहमत नगर, पठान चौक, इतवारा बाजार, लालखडी, कडबी बाजार, वडाली, बडनेरा जैसे इलाकों में लोडशेडिंग को लेकर समय पर आने वाले निर्देशों के तहत बिजली आपूर्ति खंडीत की जा रही है. जिन इलाकों में बडी संख्या में लिकेज है या बकाया है ऐसे इलाकों में ही पहले चरण में लोडशेडिंग हो रही है.
* लोगों में फुट रहा गुस्सा
महावितरण कंपनी ने बिजली की कमी, लिकेज व बकाया बिलों का कारण आगे कर अघोषित रुप से लोडशेडिंग शुरु कर दिया है जिससे लोगों में गुस्सा फुट रहा है. जिन इलाकों में पहले चरण के तहत लोडशेडिंग किया जा रहा है उन क्षेत्रों के लोगों व्दारा किसी भी वक्त बिजली कंपनी के खिलाफ गुस्सा उमड सकता है. एक ओर रमजान का महीना चल रहा है वहीं बढती गर्मी से लोग परेशान है. ऐसे में बेवक्त किए जा रहे लोडशेडिंग के कारण अधिकांश लोग महावितरण पर रोष व्यक्त कर रहे है.