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60 पैसे प्रति युनिट से मांगी हुई बिजली

महावितरण ने ग्राहको पर लादा समायोजन शुल्क

अमरावती/दि 8 – राज्य में 1 अप्रैल से बिजली सस्ती होनेवाली थी. परंतु महावितरण द्वारा सस्ती बिजली को लेकर आपत्ति उठाए जाने के चलते महाराष्ट्र राज्य विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत दर कटौती के निर्णय को स्थगित रखा. इसी बीच महावितरण ने एक परिपत्रक जारी कर घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली को 60 पैसे प्रति यूनिट से महंगा कर दिया है. इसके लिए इंधन समायोजन शुल्क यानि एफएसी का आधार लिया गया है.
कंपनी के सूत्रों के मुताबिक गत वर्ष गर्मी और इसके बाद मानसून में विद्युत आपूर्ति कम होने के चलते बाहर से महंगी बिजली खरीदी गई थी. जिसकी भरपाई हेतु अब ग्राहकों से इंधन समायोजन शुल्क वसूल करना पड रहा है. 1 अप्रैल से राज्य में सस्ती बिजली उपलब्ध होने वाली थी और उसी दिन महावितरण ने परिपत्रक जारी कर मार्च माह के दौरान प्रयोग में लाये गये प्रत्येक यूनिट पर एफएसी जमा करने का आदेश दिया. जिसके लिए कंपनी ने 30 मार्च 2020 को विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश का हवाला दिया है.

* ऐसे होगी विद्युत दरवृद्धि
कंपनी का स्पष्ट कहना है कि, यह एफएसी मार्च माह के विद्युत प्रयोग पर ही लागू की जाएगी. परंतु महावितरण के विद्युत खरीदी की महंगी दरों को देखते हुए यह वसूली आगामी कुछ माह में भी शुरु ही रहने की बात सूत्रों द्वारा कही गई है. जिसका परिणाम घरेलू उपभोक्ताओं सहित प्रत्येक वर्ग पर होने वाला है. वर्गवारी के अनुसार व्यवसायिक ग्राहकों को 40 से 60 पैसे, कृषि पंप धारकों को 15 से 30 पैसे, स्ट्रीट लाइट को 30 से 35 पैसे, जलापूर्ति योजना को 30 से 35 पैसे, टीवी चार्जिंग स्टेशन को 30 से 40 पैस तथा उद्योगों को 35 से 40 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त शुल्क देना होगा.

* मांग 30 हजार मेगा वैट के आसपास, 3 यूनिट बंद
महाराष्ट्र में बिजली की मांग 30 हजार मेगा वैट के आसपास जा पहुंची है. राज्य में 7 अप्रैल को 29,411 मेगा वैट की सर्वाधिक मांग थी. जिसमें मुंबई की 3,753 मेगावैट मांग का भी समावेश था. वहीं दूसरी ओर राज्य में सरकारी व निजी उत्पादकों द्वारा 18,503 मेगा वैट बिजली का उत्पादन हो रहा है तथा शेष मांग को केंद्रीय कोटा व पॉवर एक्सचेंज के जरिए पूरा किया जा रहा है. दूसरी ओर चंद्रपूर, टापरखेडा व भुसावल में 1-1 यूनिट बंद पडे है. ऐसी स्थिति में महावितरण को महंगी बिजली खरीदनी पड रही है. परिणाम स्वरुप नागरिकों को एफएसी के तहत इसके आगे भी आर्थिक बोझ सहन करना पडेगा, ऐसा सूत्रों का कहना है.

* घरेलू उपभोक्ताओं पर परिणाम
500 यूनिट पर 60 पैसे
301 से 500 यूनिट पर 55 पैसे
101 से 300 यूनिट पर 40 पैसे
0 से 100 यूनिट पर 25 पैसे
बीपीएल – 10 पैसे

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