अमरावती/ दि. 30-मोर्शी महावितरण उपविभाग में अवैध तरीके से बिजली चोरी करना, मीटर में हेराफेरी कर उसे धीमा करना, रिमोट कंट्रोल का उपयोग कर बिजली चोरी कर खुद को होशियार समझनेवाले बिजली चोरी पर मोर्शी विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी व कर्मचारियों ने कार्रवाई की है. मोशीर्र् उपविभाग में 42 बिजली चोरों पर 8 लाख 68 हजार रूपए का जुर्माना लगाया है. कार्रवाई में बिजली चोरी कर महावितरण को चुना लगानेवाले बिजली चोरों को बडा झटका लगा है. मोर्शी शहर में कई नागरिक बिजली चोरी करने के लिए अपने घरों की मीटर की गति धीमी कर देने तथा उनसे छेडछाड करने जैसे उपाय अपना रहे है. परिणामस्वरूप कई उपभोक्ताओं को कम बिजली बिल प्राप्त हो रही है. बिजली चोरों ने भारी मात्रा में बिजली बिल भुगतान करने से बचने के लिए अपने मीटरों के साथ छेडछाड की है. इसलिए महावितरण अधिकारियों ने मीटरों के निरीक्षण के लिए 12 अलग- अलग टीमें बनाई. इस टीमों ने मोर्शी क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे हैं और ऐसे बिजली उपभोक्ताओं द्बारा की जा रही बिजली चोरी का पर्दाफाश किया है जो अधिक बिजली का उपयोग करते हैं लेकिन कम बिजली बिल का भुगतान करते हैं.
बिजली चोरी रोकने के लिए 12 टीमें गठित- बिजली चोरी को रोकने के लिए मोर्शी क्षेत्र में कार्यकारी अभियंता विजयकुमार कासट के मार्गदर्शन में विशेष उपाय किए गये. कार्यकारी अभियंता प्रशांत काकडे, उप कार्यकारी अभियंता आशीष सोरडे और हर्षल थोटे के नेतृत्व में बिजली चोरी पकडने के लिए अभियान चलाया गया. अभियान में 12 टीमें (कुल 80 कर्मचारी )बनाकर मोर्शी शहर और तालुका का निरीक्षण किया गया और बिजली चोरी पकडी गई.
* कुल 43, 863 यूनिट बिजली चोरी
मोर्शी उप विभाग 1 में 30 ग्राहकों से 7 लाख 11 हजार रूपए तथा मोर्शी उपविभाग 2 में 12 ग्राहकों से 1 लाख 57 हजार रूपए सहित कुल 8 लाख 68 हजार रूपए की बिजली चोरी पकडी गई. इन बिजली चोरों ने कुल 43.863 युनिट बिजली चोरी की है. दो उपभोक्ताओं ने अवैध रूप से बिजली कनेक्शन लेकर 250 यूनिट बिजली चोरी की थी. जिनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई भी की गई. 2007 में संशोधित भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126, 126,, 135 और 138 के तहत जुर्माना लगाया जाता है.