अमरावती

जलापूर्ति योजना में अब इलेक्ट्रोक्लोरिनेशन व्यवस्था

राज्यभर में चलाया जाएगा उपक्रम

* जलापूर्ति विभाग ने लिया निर्णय
अमरावती/ दि.27 – जल जीवन मिशन के सातारा जिला परिषद अंतर्गत कार्यान्वित की गई जलापूर्ति योजना के लिए इलेक्ट्रोक्लोरिनेशन व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है. अमरावती जिले के 62 गांवों के साथ ही राज्य के 20 हजार 705 गांवों की जलापूर्ति योजनाओं में यह व्यवस्था जोडे जाने के बाद सभी गांवों को साफ-सुथरे पानी की आपूर्ति करना संभव हो पायेगा.
बदलते ऋतुचक्र के साथ ही अलग-अलग स्थानों पर पानी की उपलब्धता भी कम-अधिक प्रमाण में होती है. शहरी व अर्धशहरी क्षेत्रों में जलकुंभोेंं से नलों के जरिये लोगों के घरों तक पानी पहुंचाया जाता है और इन जलकुंभों में बांध, नहर व नदी-नालों के जरिये पानी पहुंचता है. परंतु पीने हेतु उपलब्ध कराये जाने वाले पानी को पूरी तरह से सुरक्षित व पीने योग्य बनाना और पानी की गुणवत्ता अंत तक बनाए रखने का काम करने हेतु व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखना होता है. क्योंकि पानी का योग्य तरीके से निर्जंतुकीकरण नहीं करने पर गैस्ट्रो, कॉलरा, पिलिया व डायरिया जैसी बीमारियां बडी तेजी के साथ फैलती है, ऐसे में जलापूर्ति विभाग में समूचे राज्य में विविध उपाय योजनाओं को चलाने का निर्णय लिया है.
उल्लेखनीय है कि, जलजीवन मिशन अंतर्गत मार्च 2024 तक प्रत्येक घर में नल कनेक्शन देने का नियोजन राज्य सरकार व्दारा किया जा रहा है. इसके तहत जीन गांवों में टैंकर से जलापूर्ति की जाती है, ऐेसे गांवों को नल के जरिये पानी की आपूर्ति करने की योजना में प्राथमिकता दी गई है. ताकि गांवों को टैंकर मुक्त किया जा सके. इसके साथ ही नागरिकों को पीने हेतु स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए जलापूर्ति योजना के साथ इलेक्ट्रोक्लोरिनेशन की व्यवस्था जोडी जा रही है. जिसके लिए ग्रामीण जलापूर्ति योजना के अनुसार खर्च किया जाएगा और इस खर्च का प्रावधान भी योजना के बजट पत्र में किया गया है. इलेक्ट्रोक्लोरिनेशन की मशिनरी कुछ गांवों में पहुंच चुकी है. जिन्हें जलापूर्ति यंत्रों के साथ जोडने का काम भी शुरु हो गया है. यह काम पूरा होने के बाद नागरिकों को पीने हेतु साफ-सुथरा पानी उपलब्ध होगा.

क्या है इलेक्ट्रोक्लोरिनेशन व्यवस्था
इससे पहले ग्रामपंचायत के जलरक्षक व्दारा गांव-गांव जाकर बाल्टी में क्लोरिन पाउडर डाला जाता था और जल स्त्रोतों में भी समय-समय पर क्लोरिन पाउडर छोडा जाता था ताकि पानी का निर्जंतुकीकरण किया जा सके. यह काम अब इलेक्ट्रोक्लोरिनेशन के जरिये किया जाएगा. जिसके तहत क्लोरिन गैस को सीधे पानी में छोडा जाता है. जिसकी वजह से मानवीय हस्तक्षेप कम होकर जलशुध्दिकरण का प्रमाण बढेगा. साथ ही आवश्यक प्रमाण में ही क्लोरिन छोडे जाने के चलते अतिरिक्त क्लोरिन का प्रमाण भी अपने आप कम हो जाएगा

राज्य के 20705 गांवों में इलेक्ट्रोक्लोरिनेशन व्यवस्था
जिला गांव
अमरावती 62
अकोला 239
वाशिम 518
यवतमाल 1676
नागपुर 1369
वर्धा 67
चंद्रपुर 1321
गोंदिया 450
सातारा 875
अहमदनगर 464
नंदूरबार 944
नाशिक 1562
उस्मानाबाद 705
औरंगाबाद 379
पालघर 675
बीड 109
परभणी 827
भंडारा 217
पुणे 158
बुलढाणा 688
रायगड 697
रत्नागिरी 16
धुलेे 673
सांगली 381
गडचिरोली 302
सिंधुदुर्ग 3
सोलापुर 423
हिंगोली 578
ठाणे 613
जालना 613
कोल्हापुर 119
नांदेड 1375
लातुर 889
कुल 20,705

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