हाथी सफारी को पंद्रह दिन का ब्रेक
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के आरएफओ सम्राट मेश्राम ने दी जानकारी

-मेडिकल लीव पर गए है सब हाथी
परतवाड़ा/मेलघाट/दी/३१- हर साल हजारों वन्यप्रेमी जंगल मे हाथी सफारी के लिए आते है.इन्हें फिलहाल निराश होना पड़ेंगा.टाइगर रिजर्व मेलघाट में बतौर कर्मचारी कार्यरत हाथियों का समूह अभी मेडिकल लीव पर है.
व्याघ्र प्रकल्प के हाथियों का स्वास्थ्य सुरक्षित रखने के लिए सभी तरह के प्रबंध जंगल प्रशासन द्वारा किये जाते है.हाथी के ऊपर सवार होकर पर्यटक जंगल का लुत्फ उठाते है.व्याघ्र प्रकल्प द्वारा हाथियों के पैरों को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए सभी प्रकार का औषधोपचार किया जाता है.इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि किसी भी हाथी के पैरों के तलवे खराब न हो पाए.इसी सेवा-सुश्रुषा के लिए आगामी 3 जनवरी से पंद्रह दिनों के लिए हाथी सफारी बंद होने की जानकारी कोलकाज रेंज के आरएफओ सम्राट मेश्राम ने दी है.इसलिए पन्द्रह दिनों तक वन्यप्रेमियो को हाथी सफारी से वंचित रहना होंगा.
व्याघ्र प्रकल्प के कोलकास संकुल में सुंदरमाला, जयश्री,लक्ष्मी और चंपाकली यह चार हाथी प्रकल्प की सेवा में कार्यरत है.उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हाथियों के पैरों की योग्य चिकित्सा करना जरूरी होता है.बढ़ती ठंड के दौरान हाथी के पैरों में दरारें न पड़े,पैरो के तलवे खराब न हो इसके लिए पैरो की चोपिंग करना आवश्यक होता है.इससे हाथी स्वस्थ रहता है.हाथी के पैरों को दुरुस्त रखने का यह कार्य हर साल ही किया जाता है.इस वर्ष 3से 17 जनवरी के मध्य हाथी की चोपिंग की जाएंगी.इसलिए हाथी सफारी बंद रहेंगी.उक्त कालावधि में वन्यप्रेमियो को हाथी सफारी का लाभ नही मिलने की जानकारी आरएफओ मेश्राम ने दी है.
-हर साल हाथी के पैरों के तलवों को दरारों से बचाने के लिए औषधोपचार किया जाता है.करीब 44जड़ीबूटी का मिश्रण करके हाथी के पैरों को सेका जाता है.इस सिकाई से हाथी के नख से लेकर ऊपर के भाग तक कही भी दरारे नही पड़ती है.इसके लिए हाथी सफारी बंद रखी जा रही है.