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सांस्कृतिक भवन में हुआ सम्मेलन
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निर्णाय संघर्ष के लिए तैयार रहने का लिया संकल्प
अमरावती/दि.6 – राज्यसेवा में सन 2005 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों के लिए पुरानी पेन्शन योजना को लागू किया जाये. इस मांग को लेकर मुंबई से राज्यव्यापी दौरे पर निकली पुरानी पेन्शन संघर्ष यात्रा का गत रोज अमरावती आगमन हुआ. इस यात्रा में शामिल पदाधिकारियों का शहर में जल्लोषपूर्ण स्वागत किया गया. साथ ही महाराष्ट्र राज्य पुरानी पेन्शन समन्वय समिती की ओर से स्थानीय संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में संघर्ष सभा का भी आयोजन किया गया. जिसमें अब पुरानी पेन्शन का लाभ प्राप्त करने हेतु आरपार की निर्णायक लडाई लडने के लिए तैयार रहने का संकल्प किया गया.
बता दें कि, इस संघर्ष यात्रा को सरकारी कर्मचारियों के करीब 78 संगठनों का समर्थन प्राप्त है और इन सभी संगठनों द्वारा विगत लंबे समय से पुरानी पेन्शन योजना को लागू किये जाने की मांग की जा रही है. साथ ही अब सभी संगठनों ने एक साथ आते हुए पुरानी पेन्शन की मांग को लेकर राज्य स्तर पर जनजागृति अभियान चलाना शुरू किया है. जिसके तहत मुंबई से समूचे राज्य का दौरा करने हेतु संघर्ष यात्रा निकाली गई है. जिसका गत रोज अमरावती आगमन हुआ.
स्थानीय सांस्कृतिक भवन में आयोजित संघर्ष सभा में पुरानी पेन्शन समन्वय समिती के राज्य संयोजक विनेश खांडेकर, राज्य सचिव गोविंद उगले, विधायक सुलभा खोडके सहित सर्वश्री मधुकर काठोले, गोविंद उगले, सुनील दुधे, शैलेश राउत, मिलींद सोलंकी, रामदास वाघ, दीपिका एरंडे, अतुल कडू, जिला समन्वय गौरव काले, नामदेव मेटांगे, शिक्षक महासंघ के राज्य अध्यक्ष शेखर भोयर, शिक्षण संघर्ष समिती की राज्य अध्यक्ष संगीता शिंदे, डी. एस. पवार, अतुल मुले, ओम गोदे, महेश ठाकरे, सुनील केने, किरण पाटील, रामदास इंगले, अनिल वाकडे, सचिन इंगले, प्रदीप बालापुरे, गोकुलदास राउत, संजय भेले, अशोक कुर्हाडे व प्रज्वल घोम आदि उपस्थित थे. इस अवसर पर राज्य संयोजक विनेश खांडेकर ने कहा कि, पुरानी पेन्शन के लिए शुरू किये गये संघर्ष को मांग पूरी होने तक वापिस नहीं लिया जायेगा तथा इस संघर्ष में हम लाठीयां व गोलियां खाने के लिए भी तैयार है. अत: पुरानी पेन्शन की मांग को लेकर सभी कर्मचारियों ने अंतिम व निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए.
कार्यक्रम में प्रास्ताविक व संचालन गौरव काले तथा आभार प्रदर्शन प्राजक्ता मशिदकर ने किया.
आपके संघर्ष में हम साथ हैं
इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के तौर पर उपस्थित विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि, वे पूरी तरह से पुरानी पेन्शन योजना को लेकर किये जा रहे संघर्ष के साथ है और विधानमंडल में भी पुरानी पेन्शन योजना को लागू करने हेतु अपनी ओर से आवाज उठायेंगे. साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि, सरकार द्वारा जल्द ही वर्ष 2005 के बाद राज्यसेवा में आये सरकारी कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार किया जायेगा.