स्व. राजकुमार मोहने की स्मृति में वकृत्व स्पर्धा
सप्तरंगी हिंदी साहित्य संस्था का आयोजन

अमरावती/दि. 3– शहर की सुविख्यात हिंदी संस्थाओं में से एक सप्तरंगी हिंदी साहित्य संस्था द्वारा स्थानीय मराठी पत्रकार भवन में स्व. राजकुमार मोहने की स्मृति में वकृत्व स्पर्धा का आयोजन किया गया था. वकृत्व स्पर्धा की अध्यक्षता संस्था अध्यक्ष शंकर भूतडा ने की तथा प्रमुख अतिथि के रुप में रक्तदान समिति अध्यक्ष महेंद्र भूतडा, संस्था उपाध्यक्ष नरेंद्र देवरणकर, सचिव श्याम दम्मानी, कार्यक्रम के संयोजक चंद्रभूषण किल्लेदार व मोहने परिवार की ओर से सुखदयाल मोहने व स्पर्धा के परिक्षक के तौर पर सिटी न्यूज चैनल के संचालक चंदुभाई सोजतिया, अहिसास संस्था की संस्थापक अध्यक्षा शीला डोंगरे, जीवन बीमा निगम शाखा प्रबंधक व सुविख्यात साहित्यकार भगवान वैद्य (प्रखर) मंच पर उपस्थित थे.
सर्वप्रथम विद्या की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा का पूजन कर पुष्पमाला अर्पित की गई. उसके पश्चात संस्था के उपाध्यक्ष नरेंद्र देवरणकर ने प्रमुख अतिथि महेंद्र भूतडा का परिचय देते हुए उन्हें स्मृतिचिन्ह प्रदान किया. सभी परिक्षकों का संस्था की ओर से स्वागत कर उन्हें स्नेहस्वरुप स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया. संयोजक चंद्रभूषण किल्लेदार ने कार्यक्रम के दौरान प्रस्तावना रखी व संचालन संस्था सचिव श्याम दम्माणी ने किया. वकृत्व स्पर्धा में शहर के प्रख्यात महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने सहभाग लिया तथा शत-प्रतिशत मराठी भाषा में अपना वकृत्व प्रस्तुत किया.
वकृत्व स्पर्धा में दो ज्वलंत सामाजिक विषय स्पर्धकों के लिए रखे गए थे. जिसमें ‘प्रीवेड शुटींग व उसका प्रदर्शन’ तथा दूसरा विषय ‘क्या सहमती संबंध (लिव इन) में रहना समाजहित में है?’ यह था. दोनों में से किसी भी एक विषय पर हिंदी या मराठी में स्पर्धकों को अपने विचार रखने से उपस्थित स्पर्धकों ने अपने-अपने तरीके से अपने विचार रखे. दोनों विषय पर करीब-करीब बराबर के स्पर्धकों की संख्या रही. वकृत्व स्पर्धा का प्रथम पुरस्कार विद्याभारती महाविद्यालय की छात्रा मनश्री राजेंद्र तायडे ने हासिल किया. वहीं विद्याभारती महाविद्यालय के ही आलोक नारायण दामोदर दूसरे स्थान पर रहे.
उसी प्रकार श्री शिवाजी कला महाविद्यालय की छात्रा साक्षी खेडकर तीसरे स्थान पर रही. विजेता स्पर्धकों को अतिथियों के हस्ते नकद पुरस्कार व स्मृतिचिन्ह प्रदान कर अभिनंदन किया गया और सभी स्पर्धकों को व सहभागितो को प्रशस्तीपत्र प्रदान किए गए. परिक्षकों की ओर से तीनों परिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन किया. मोहने परिवार की ओर से इस आयोजित कार्यक्रम में स्व. राजकुमार मोहने की बेटी रिद्धी मोहने ने संस्था के प्रति अपने विचार रखे तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष के तौर पर उपस्थित शंकर भूतडा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में साहित्य प्रेमियों को संस्था से जुडने का अनुरोध किया. वहीं धन्यवाद ज्ञापन संतोष हांडे ने प्रस्तुत करते हुए सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों का सहयोग देने के लिए विशेष आभार माना. राष्ट्रगीत से कार्यक्रम का समापन किया गया.
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में उपस्थित कवियों ने अपनी एक-एक कविता का पठन किया. इस समय श्रीमती सुनिता वैद्य, श्रीमती अलका देवरणकर, आशा मोहने, निलिमा भोजने, नरगीस अली, मंजू शर्मा, अन्नू साहू, बरखा शर्मा, मिसेस धर्मक, मनोहर तिखिले, मनोज दोंती, राजेश व्यास, दीपक सूर्यवंशी, प्रितम जौनपुरी, सत्यप्रकाश गुप्ता, डॉ. गोवर्धन भस्मे, विष्णु सोलंके, मोतीराम हरजीकार, साहू हिंदी पुस्तकालय के अहिरवार गुरुजी, हनुमान गुर्जर आदि उपस्थित थे.