आदिवासी खावटी में घपला, भ्रष्टाचार की करें जांच
भाजपा नेता डॉ.अनिल बोंडे की मांग
अमरावती/ दि. 8- महाविकास आघाडी सरकार ने आदिवासियों के किराना खावटी हिस्से में धोखाधडी की है. इस भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों पर कडी कार्रवाई की जाए, इस आशय की मांग भाजपा नेता डॉ.अनिल बोंडे ने पत्रपरिषद में की.
श्रमिक पत्रकार संघ में बुलाई गई पत्र परिषद में डॉ.अनिल बोंडे ने कहा कि आदिवासियों के प्रत्येक किराणा खावटी कीट के पीछे 700 रुपयों का भ्रष्टाचार किया गया है. 2 हजार रुपयों का आदिवासी किराना वितरण कीट प्रत्यक्ष में थोक भाव में खरीदने पर 1305 रुपयों में मिलता है. प्रत्येक आदिवासी के पीछे 700 रुपयों का भ्रष्टाचार कर घटिया किस्म का किराना आदिवासियों को बांटा गया हैं. राज्य में 10.5 लाख आदिवासी बंधुओं को फंसाकर महाविकास आघाडी सरकार ने 210 करोड रुपयों का भ्रष्टाचार किया है. भाजपा नेता डॉ.अनिल बोंडे ने बताया कि, आदिवासियों की मदद करने के उद्देश्य से खावटी वितरण किया जाता है, लेकिन महाविकास आघाडी सरकार ने आदिवासियों को सीधे रकम न देते हुए 2 हजार रुपयों का किराना व 2 हजार रुपए की रकम भी उसके लिए आदिवासी परिवारों का पंजीयन भी किया गया. विधवा, तलाकशुदा, दिव्यांगों को प्राथमिकता देने की नीतियां तय की गई, लेकिन पंजीयन कराते समय काफी गडबडियां हुई है. जरुरमंद आदिवासी परिवारों को दरकिनार किया गया है. वहीं पंजीयन करा चुके लोगों को किराना तौर पर 2 हजार रुपए खावटी का वितरण किया गया. राज्य के 25 आदिवासी विधायकों ने किराना स्वरुप में मिल रही खावटी का विरोध दर्शाया था. इसके बजाए नगद रकम आदिवासी परिवार के खाते मेेें जमा करने की सूचना दी गई थी. लेकिन आदिवासी विधायकों की बातों को अनसुना करते हुए आदिवासी विकास मंत्री के.सी.पाडवी, राज्यमंत्री प्राजक्ता तनपुरे, अनुपकुमार यादव, हिरालाल सोनवणे, आदिवासी विकास मंडल के प्रबंधक नितीन पाटील ने नगद रकम की बजाय किराना वितरण का निर्णय लिया. इसके बाद आदिवासियों को घटिया किस्म का किराना वितरित किया गया हैं. इसलिए इस मामले की जांच कर भ्रष्टाचारी मंत्रियों को निष्काषित करने की मांग पूर्व कृषि मंत्री डॉ.अनिल बोंडे ने की है. पत्रपरिषद में विधायक प्रताप अडसड, भाजपा ग्रामीण जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी, भाजपा शहर अध्यक्ष किरण पातुरकर, प्रशांत शेगोकर, प्रवीण राउत, सुखदेव पवार, प्रशांत राउत, सुनील सोमवंशी मौजूद थे.