
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२९ – राष्ट्रीय आपदा राहत के तहत रिजर्व बैंक द्वारा सभी बैंक के कर्जधारकों को ६ माह तक लोन की ईएमआई के राहत दी गई थी. लेकिन अब मोरेटोरियम की अवधि सिंतबर माह में समाप्त हो गई है. भले ही बैंको ने ईएमआई की वसूली नियमित कर दी है. हालांकि बैंको की ओर से लोन धारकों पर फिलहाल ईएमआई के लिए कोई दबाव नहीं बनाया जा रहा है. लेकिन अब अक्तूबर माह से सभी को किश्तें नियमित नियमित भरनी होगी यह तय है.
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नहीं संभले आर्थिक हालात
कोरोना संक्रमण के चलते उद्योग व्यवसाय ठप रहे. कई लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पडा. आर्थिक संकट को देखते हुए आरबीआई ने ६ माह क कर्ज की किश्तों की वसूली पर रोग लगायी. लेकिन अब किश्त वसूली शुरु की गई हे. लेकिन कई लोग किश्त वसूली में बैंकों का साथ नहीं दे पा रहे है. ६ माह से लडखडाई आर्थिक व्यवस्था अब भी पटरी पर नहीं लौटी है. केवल तीज त्यौहारो के चलते सडको पर भीड दिखाई दे रही है. लेकिन आर्थिक हालात नहीं संभले है. जिससे लोग लोन वसूली को उचित नहीं मान रहे है. कोरोना का राष्ट्रीय संकट खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में मोरेटोरियम और बढाने की मांग की जा रही है.
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आरबीआय के नए निर्देश नहीं
मोरेटोरियम की अविध समाप्त होने के बाद हमें आरबीआय के लोग ईएमआई को लेकर कोई नए निर्देश नहीं मिले है. इसलिए अब किश्तें रेग्युलर की गई है. यहदि कोई नया निर्णय होता है ओर हमें आदेश मिलते है तो हम उस पर अमल करेंगे.
–मेघश्याम इंजारकर, व्यवस्थापक स्टेट बैंक
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लोन धारक भी समझ रहे जिम्मेदारी
रिजर्व बैंक ने कोरोना जैसी महामारी के चलते लोन धारकों को ६ माह तक कर्ज को किश्तों में रियायत दी थी. लेकिन अब किश्ते नियमित भराना होगा. हालांकि बैंक ग्राहकों पर दबाव नहीं बना रही, लेकिन लोकधारक स्वयं अपनी जिम्मेदारी समझ रहे है व किश्ते अदा करने में लगे हे.
-मनीष उइके, मैनेजर बैंक आफ इंडिया
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ईएमआई रेग्युलर भरना शुरु
कोरोना संक्रमण काल में आरबीआई के दिशा निर्देशों का पालन किया गया. सितंबर माह तक ईएमआई में राहत दी गई. लेकिन अब किश्त रेग्युलर की गई है. हालांकि वसूली जारी है.
-सुनील शाह, व्यवस्थापक यूनियन बैंक