अमरावती

विख्यात गजलकार अनंत नांदूरकर की प्रमुख उपस्थिति

अमरावती/दि.17 – ‘वाह’ से ‘आह’ इस प्रकार गजल की यात्रा होती है. और इसी अनुभूति को प्रखर सामाजिक जानकारी के रूप में संप्रेषित करने वाले चंद्रशेखर भुयार की ‘समाधि’ इस गजल संग्रह से पाठकों को होती है, ऐसा मत मराठी, हिंदी, उर्दू के प्रसिध्द गजलकार अनंत नांदुरकर ‘खालीश’ ने व्यक्त किया. अभियंता भवन में रविवार को संपन्न हुए ‘समाधि’ इस गोटीबंद गजल संग्रह के विमोचन समारोह में वे बतौर प्रमुख अतिथि बोल रहे थे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व नगर सेवक तुषार भारतीय ने की. अन्य अतिथियों में गीतकार प्रा. डॉ. गोविंद गायकी, मसासंग सदस्य पुष्परा जगावंडे, नाना लोडंग, अंकुर साहित्य संघ के अध्यक्ष हिम्मत छाले, ललित कदम सहित गजलकार चंद्रशेखर भुयार भी उपस्थित थे. अपने भाषण में ढाले ने भुयार द्वारा रचित इस गजल संग्रह को वास्तविक अर्थों में उभारी देने का मत व्यक्त किया.अपने मनोगत में भुयार ने समाधि को गजल क्षेत्र की अपनी तपस्यापूर्ति को सार्थक बनाने की कहा. अन्य अतिथियों ने भी समाधि गजल संग्रह को मील का पत्थर बताया. अपने अध्यक्षीय संबोधन में तुषार भारतीय ने समाधि गजल संग्रह को व्यवस्था बदलने का उत्तम शस्त्र बताया. दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. प्रा. रवि चापके ने संचालन तथा मोहन महाजन ने आभार प्रदर्शन किया. कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी आशीष बिजवल, विकास अधिकारी राम घनमने, वित्त व लेखाधिकारी दत्ता फिस्के, खंडारे, सचिन पवार, गजानन काले, संतोष सिंगने, संजय कावरे, भगवान राइतकर, प्रीति वाड़ीभस्मे, चंद्रशेखर तारे, रविंद्र ठाकु र, वेदांति भुयार, जयश्री भुयार आदि सहित भारतीय जनसंचार संस्था के विद्यार्थी प्रमुख रूप से उपस्थित थे.

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