अपने दादा के तत्कालीन लिखे पत्र देख हुए भावुक रणजीत सावरकर
वीर सावरकर के वंशज रणजीत सावरकर का परतवाडा में आगमन
* स्वाधीनता सेनानी गंपूनाना पिंपलकर के निवास को दी भेंट
परतवाडा/दि.1- स्वाधीनता सेनानी विनायक सावरकर का परतवाडा शहर से करीबी रिश्ता रहा है. बताया जाता है कि, परतवाडा निवासी स्वाधीनता सेनानी गंपूनाना पिंपलकर से मिलने वे अक्सर आया करते थे. स्वातंत्र्यवीर सावरकर के वंशज रणजीत सावरकर का आज परतवाडा शहर में आगमन हुआ. सर्वप्रथम उन्होंने स्वाधीनता सेनानी गंपूनाना पिंपलकर के निवास को भेंट दी. इस अवसर पर पिंपलकर परिवार ने उनका स्वागत किया. गंपूनाना पिंपलकर के बेटे अनंतराव पिंपलकर ने रणजित सावरकर के साथ वि.दा. सावरकर व गंंपूनाना पिंपलकर की यादें ताजा की. अपने दादा का छाता, औक्षवन के सिक्के व तत्कालीन पत्र देखकर रणजीत सावरकर भावुक हो गए.
अनंतराव पिंपलकर ने बताया कि उनके पिता से मिलने महात्मा गांधी, सिमांत गांधी, अब्दुल गफार खान,सेनापती बापट भी उनके निवास पर आ चुके है. वि.दा. सावरकर के पास जो छाता हमेशा रहता था. उसमे गुप्ती थी जो गंपूनाना को पसंद थी. एक बार जब सावरकर ने गंपूनाना से कुछ मांगने कहा तो तब गंपूनाना ने छाता मांग लिया. जिसे पिंपलकर परिवार ने आज भी संभालकर रखा है. छाते का कपडा उड चुका है केवल उसमे छुपी गुप्ती कायम है. अपने दादा का छाता, उस समय के दिए हुए सिक्के, लिखे गए पत्र को देखकर रणजित सावरकर भावुक हो गए.
साल 1939 में परतवाडा आए थे वीर सावरकर
स्वाधीनता सेनानी वीर सावरकर का साल 1939 में परतवाडा में आगमन हुआ था. जब वे यहां आए थे तब पिंपलकर परिवार ने उनका स्वागत किया था. उस समय जब उनका औक्षवन किया गया था.तब उन्होेंने कुछ सिक्के दिए थे. जिसे आज भी पिंपलकर परिवार ने सहेजकर रहे है. इतना ही नहीं उस समय जिस कुर्सी पर सावरकर बैठे थे वह कुर्सी व स्वातंत्रता संग्राम के समय लिखे गए पत्र तथा सावरकर का छाता भी पिंपलकर परिवार के पास सुरक्षित है.
रणजीत सावरकर का भव्य स्वागत
स्वाधीनता सेनानी वीर सावरकर के वंशज रणजीत सावरकर का आज परतवाडा शहर में आगमन होने पर जयस्तंभ चौक स्थित शिवतीर्थ पर उनका भव्य स्वागत किया गया. इस अवसर पर शिवसेना बालासाहेब ठाकरे द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया. इस समय वरिष्ठ शिवसेैनिक बाबु महाराज दीक्षितत, शिवसेना संपर्क प्रमुख सुधीर सूर्यवंशी, नरेंद्र पडोले, बंडू घोम,पूर्व नगरसेवक अभिजित कालमेघ, मानिक देशपांडे, विनय चतुर, बंटी केजडीवाल, अभय माथने, पंडित गजानन शर्मा, अभय वाजपेयी,अनिल तायडे उपस्थित थे.