विद्यापीठ के नतीजे 30 दिन में घोषित करने पर जोर
प्रभारी कुलगुरु डॉ. प्रमोद यावले का कथन
* पदभार संभालते ही सभी विभाग प्रमुखो की ली बैठक
अमरावती/दि.4- संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरु पद का शनिवार को सुबह 11 बजे प्रभार संभालने के बाद डॉ. प्रमोद यावले ने दोपहर 3.30 बजे अधिसभा सभागृह में ली पत्रकार परिषद में कहा कि, उनका पदभार संभालने के बाद अब विद्यापीठ परीक्षा के सभी नतीजे 30 दिन के भीतर लगाने पर जोर रहेगा.
संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुुरु स्व. डॉ. दिलीप मालखेडे के निधन के बाद राज्यपाल तथा विद्यापीठ के कुलपति भगतसिंह कोश्यारी ने अमरावती विद्यापीठ का प्रभार डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाडा विद्यापीठ औरंगाबाद के कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले को सौंपा है. 4 फरवरी को सुबह 11 बजे डॉ. प्रमोद येवले ने अमरावती पहुंचकर कुलगुरु पद का पदभार संभाल लिया. पश्चात दोपहर 3.30 बजे पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि, विद्यापीठ में शैक्षणिक पारदर्शीता व गुणवत्ता रहनी चाहिए. उनके प्रयास विद्यार्थियों गुणवत्ता बढाने पर रहेंगे. दूसरे विद्यापीठ की तुलना न करते हुए इसे गतिमान कैसे किया जा सकता है इस पर जोर देने का प्रयास रहेगा. इसके लिए विद्यापीठ के साथ महाविद्याल की भी जिम्मेदारी है. इस विद्यापीठ में वर्क कल्चर अच्छा है. सभी को अपनी जिम्मेदारी का भान है, ऐसा रहा तो भी संस्था के विकास और प्रगति के लिए समाज का विश्वास आवश्यक है. विद्यापीठ के कार्यो की तुलना ग्लोबल स्तर पर करनी चाहिए. इसके लिए प्रत्येक को विद्यापीठ की प्रतिष्ठा और नाम कैसे हो सकता है, सक्षम विद्यार्थी कैसे निर्माण किया जा सकता है इस दृष्टि से प्रयास करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि, प्राधिकरण का गठन, नॉमिनेशन, दीक्षांत समारोह, अभ्यासक्रम सहित अनेक महत्व के काम करने है. साथ ही परीक्षा का काम भी सक्षमता से कम समय में पूर्ण करना है. इस दृष्टि से विद्यापीठ सक्षमता से कार्य करेगा ऐसा उन्होंने विश्वास व्यक्त किया.
कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने यह कहा कि, कुलगुरु के रुप में काम करने का अवसर उन्हें पांचवी दफा मिला है. इस कारण उनके अनुभव का लाभ निश्चित रुप से इस विद्यापीठ को होगा. अमरावती जिला उनकी जन्मभूमि रहने से उन्हें जो समय मिलेगा उसमें पारदर्शीता लाने का प्रयास करेंगे. विद्यापीठ के हर विभाग की परीक्षा अप्रैल से शुरु होकर 31 मई तक परीक्षा पूर्ण कर एक माह के भीतर सभी नतीजे घोषित करने पर उनका जोर रहेगा. नागपुर में रहते 30 दिन में उन्होंने विद्यापीठ के नतीजे घोषित किए उसी तरह अमरावती विद्यापीठ में भी बदलाव कर यह किया जाएगा. साथ ही ऑनस्क्रीन रिवेल्यूवेशन की प्रक्रिया शुरु की जाएगी. विद्यापीठ प्रशासन का इस तरह काम करने का प्रयास रहेगा कि कोई भी विद्यार्थी अथवा संगठन आंदोलन जैसे कदम न उठाए. पत्रकार परिषद में डॉ. प्रमोद येवले के अलावा प्रभारी संचालक डॉ. मोनाली तोटे, कुलसचिव तुषार देशमुख तथा जनसंपर्क अधिकारी विलास नांदूरकर उपस्थित थे.
* हडताल नहीं होनी चाहिए
कुलगुरु डॉ. प्रमोद येवले ने कहा कि, विद्यापीठ व महाविद्यालय के कर्मचारियों ने आगामी 2 मार्च से अपनी विविध मांगों को लेकर जो हडताल की घोषणा की है, वह न होने देने के प्रयास शुरु हैं. सभी कर्मचारियों से इस संबंध में चर्चा की जाएगी. मार्ग निकालने शिक्षा मंत्री से भी वे चर्चा करेंगे ऐसा उन्होंने कहा.
* डॉ. दिलीप मालखेडे को किया याद
प्रभारी कुलगुुरु डॉ. प्रमोद येवले ने कहा कि, स्व. डॉ. दिलीप मालखेडे के निधन के बाद कुलगुरु पद की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है. डॉ. मालखेडे और उनके बीच अच्छी दोस्ती थी. डॉ. मालखेडे एआयसीटीई में थे तब उनसे दोस्ती हुई. एआयसीटीई में डॉ. मालखेडे ने अनेक योजना अमल में लाई थी. अमरावती के कुलगुरु पद का पदभार संभालने के बाद उन्होंने अनेक काम किए और विद्यापीठ को ऊंचाई पर ले जाने अनेक उपक्रम चलाए. कुलगुरु पद का पदभार संभालते समय का पल उनके लिए खुशी का नहीं है, लेकिन उनके अधूरे काम सभी को अब पूरे करने हैं, ऐसा भी डॉ. प्रमोद येवले ने कहा.