जॉब ओरिएंटेड कोर्स पर बल
विदर्भ यूथ सोसा का अगला लक्ष्य विद्यापीठ स्थापना
* अध्यक्ष पद की हैट्रिक करनेवाले डॉ.धांडे का कहना
अमरावती/दि.2-क्षेत्र में अभियांत्रिकी तथा तकनीकी शिक्षा देनेवाले 37 महाविद्यालयों और संस्थाओं को संचालित करनेवाली विदर्भ यूथ वेलफेयर सोसायटी के सतत तीसरी बार अध्यक्ष चुने गये डॉ. नितिन धांडे ने पुन: अपने लक्ष्य को और उंचा कर दिया है. सतत अध्यक्ष पद की हैट्रिक करनेवाले डॉ. धांडे ने कहा कि संस्था के कॉलेजेस ने स्वायत्त मान्यता लाने उपरांत अब निजी विश्वविद्यालय की मान्यता का लक्ष्य रखा है. उसी प्रकार संस्था स्वायत्त होने से जॉब ओरिएंटेड अभ्यासक्रम पर बल दे रही है. विद्यार्थियों के लिए ऐसे कोर्सेस तैयार है जो उन्हें आंटरप्रेन्योर बनायेगी. डॉ. धांडे आज पूर्वान्ह उनके कैम्प रोड स्थित निवास पर अमरावती मंडल के लक्ष्मीकांत खंडेलवाल से विशेष बातचीत कर रहे थे. इस दौरान डॉ. धांडे को विविध संस्थाओं और क्षेत्र के मान्यवरों द्बारा बधाई व शुभकामनाओं का दौर लगातार चल रहा था. पूरा ड्राइंग रूम गुलदस्तों से भर गया था. डाँ. धांडे का नया कार्यकाल अगले 5 वर्षो के लिए होगा. उन्होंने गत 10 वर्षो में किए गये कार्यो और आगामी समय के विजन को बातचीत में शेयर किया.
* बदला है दौर, बदली है शिक्षा भी
डॉ. नितिन धांडे ने बताया कि गत 10 वर्षो में ही तकनीकी रूप से विशेषकर शिक्षा क्षेत्र में बडा बदलाव आया है. शिक्षा क्षेत्र सतत नई चुनौतियां उपस्थित करता आया है. यहां नये कोर्सेस और संशोधनों से अपडेट रहना पडता है. गर्व है कि विदर्भ यूथ सोसायटी के लगभग सभी कॉलेजेस और उनके अध्यापकगण इस मामले में अपडेटेड है. जिसके कारण क्षेत्र में इस समय सोसायटी द्बारा संचालित सभी इंजीनियरिंग, टेक्नीकल, फार्मसी, प्रबंधन के कॉलेजेस क्षेत्र में अग्रणी बने हुए हैं. अमरावती विद्यापीठ में उपरोक्त कोर्सेस में संस्था के विद्यार्थी गुणवत्ता सूची में अग्रणी रहे हैं.
* शोध पर जोर, पेटेंट बढेंगे
डॉ. धांडे ने कहा कि संस्था अंतर्गत कॉलेजेस में रिसर्च पर उनके कार्यकाल में सदैव बल रहा है. इस कारण संस्था को पेटेंट मिले हैं. इसमें लगातार बढोतरी होगी. उन्होंने मान्य किया कि उच्चतर शिक्षा महंगी हुई है. किंतु यह भी दावा किया कि शिक्षा की गुणवत्ता बढी है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही विद्यार्थी को उसका मुकाम दिलाती है.
* जॉब ओरिएंटेड कोर्सेस
अध्यक्ष डॉ. धांडे के अनुसार भारतीय शिक्षा प्रणाली अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा क्षेत्र की टक्कर की हो रही है. इसीलिए आज के दौर को देखते हुए हमारे कॉलेजेस में जॉब ओरिएंटेड कोर्सेस शुरू किए गये हैं. विद्यार्थी पढाई के बाद अपना खुद का बिजनेस, उद्योग शुरू कर सके, इस प्रकार का अभ्यासक्रम बनाया जा रहा है. सिलेबस में सुधार और इम्प्रुमेंट हो रही है. वैसे भी अग्रणी कंपनियां कैम्पस ड्राइव के लिए विदर्भ में हमारी संस्था में सबसे पहले आती है. यहां से कैम्पस ड्राइव से ही हजारों छात्र-छात्राओं को अच्छे पैकेजेस पर नियुक्तियां प्राप्त हुई है.
* आपका अगला लक्ष्य क्या ?
इस सवाल पर डॉ. धांडे ने कहा कि गत 10 वर्षो में संस्था अंतर्गत कॉलेजेस, शालाओं में अधोसंरचना पर बल दिया गया. अब नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम और कोर्सेस पर ध्यान दिया जायेगा. रिसर्च और प्लेसमेंट मेंं भी विदर्भ यूथ का रिकार्ड एक्सलंट स्तर का हैं. एनईपी के अनुरूप थोडा बहुत चेंज करना पडेगा, वह विद्यार्थी हित में विदर्भ यूथ सोसायटी बेशक करेगी.
* विश्वविद्यालय की मान्यता लानी है
डॉ. धांडे ने कहा कि सोसायटी अंतर्गत दो जिलों अमरावती तथा वर्धा में 40 संस्थाएं अर्थात कॉलेजेस, शालाएं संचालित है. 30 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. बेहतरीन अधोसंरचना हमारे पास उपलब्ध हैं. इसलिए संस्था को विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता का अगला लक्ष्य है. निजी विद्यापीठ के रूप में शीघ्र मान्यता मिलने का विश्वास डॉ. धांडे ने अमरावती मंडल न्यूज से बातचीत में व्यक्त किया.
* नई शिक्षा नीति बेहतरीन, अमल में लगेगा समय
पॉलिटिक्स में भाजपा से जुडे रहे डॉ. धांडे ने दावा किया कि नई शिक्षा नीति बहुत प्रभावी और भारतीय मूल्यों, संस्कारों पर आधारित हैं. जिसमें योग, ध्यान अर्थात मेडीटेशन पर भी बल दिया जायेगा. मेडीटेशन के विषय शिक्षा नीति में समाहित है. जिसे दुनिया प्रभावी मान चुकी है. दूसरे भी कई स्वागत योग्य परिवर्तन एनईपी से होनेवाले हैं. वे यह कहने से नहीं चूके कि गत कुछ दशकों में शिक्षा नीति को बदलने का साहस भारतीय जनता पार्टी में ही था. उन्होंने वह कर दिखाया.
* एनईपी से क्या करिश्मा
यह पूछने पर अमरावती की दूसरी सबसे बडी शिक्षा संस्था के सर्वेसर्वा डॉ. नितिन धांडे ने तुरंत कहा कि कई बडे बदलाव एनईपी से होने जा रहे हैं. एक साथ दो कोर्सेस विद्यार्थी कर सकेंगे. विषय बराबर समझ में नहीं आ रहा है तो उसे भी बदल कर सकेंगे. डॉ. धांडे ने और उदाहरण देकर समझाया कि चार वर्ष का कोर्स कोई दो वर्ष में छोड रहा है. अधबीच में भी उसे प्रमाणपत्र जरूर दिया जायेगा. जिसके आधार पर वह विद्यार्थी अपने फील्ड में कुछ न कुछ कामकाज कर सकेगा. यह बहुत बडा और करिश्माई बदलाव होने का दावा उन्होंने किया. बता दे कि डॉ. धांडे गत 10 वर्षो से संस्था का नेतृत्व कर रहे हैं. उनकी पत्नी डॉ. वैशाली धांडे सुघड गृहणी होने के साथ प्रैक्टीस करती है. उनका पुत्र आर्यन शीघ्र एमबीबीएस की उपाधि प्राप्त कर लेगा. पुत्री तेजस्विनी का विवाह देवेश देशमुख के संग हुआ है.
* एग्रीकल्चर कॉलेज शुरू करेंगे
नये गोल के बारे में पूछने पर डॉ. धांडे ने बताया कि हमारे पास डेेंटल कॉलेज है. तकनीकी और अभियांत्रिकी के अग्रणी महाविद्यालय हमारे हैं. अब कृषि क्षेत्र के लिए महाविद्यालय शुरू करने का प्रयास होगा. विदर्भ यूथ की संस्था में पढा लिखा युवा देश की प्रगति में योगदान हेतु सक्षम, संपन्न बनाने का लक्ष्य सदैव रहा है.