अमरावती

शहर का जलभंडारण पुनर्जीविनीकरण पर जोर

निगमायुक्त आष्टीकर के प्रशासन को निर्देश

अमरावती/दि.22 – महापालिका क्षेत्र में जलभंडारण का पुनर्जीविनिकरण व उपाय योजना को लेकर निगमायुक्त डॉ.प्रवीण आष्टीकर की अध्यक्षता में बीते सोेमवार को महत्वपूर्ण बैठक ली गई. इस बैठक में जलभंडारण का पुनर्जीविनिकरण पर जोर देते हुए शहर में बडे पैमाने में अभियान चलाये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये.
बारिश के पानी का भंडारण यानी फिर से उपयोग करने के लिए बारिश का पानी इकट्ठा करने, बारिश का पानी घर के छत से एक बडे जमीन के नीचे टाकी में जमा किया जाता है और वर्षभर पीने के लिए उपयोग करते है. कुछ जगह भंडारण के लिए पानी गहरे गड्ढे (कुआं, साफ्ट या बोअरवेल) पानी निकलने वाले जलाशय में जमा करते है. रेन वॉटर हॉर्वेस्टिंग व्दारा जमीन में पानी पहुंचाने के बाद खेती के काम में उपयोग किया जा सकता है. खास तौर पर कम बारिश हुई या जिस क्षेत्र में पानी की कमी है, ऐसी जगह यह प्रयोग लाभदायक साबित हो सकता है. इसी तरह मवेशियों को पानी पिलाने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है. जैसे-जैसे जनसंख्या बढ रही है, वैसे-वैसे पानी की मांग की जा रही है. जमीन का जलस्तर कम हो रहा है. बारिश का पानी जमीन में पहंचाया जाए तो जलस्तर बढने की संभावना है. उचित तरीके से नियोजन किया गया तो जमीन का जलस्तर बढाया जा सकता है. जमीन का जलस्तर बढने के कारण पानी उपर खिचने के लिए बिजली का खर्च भी कम लगेगा. जमीन के नीचे पानी के प्रदुषण का सौम्यीकरण होने के कारण पानी का दर्जा भी सुधरता है. जमीन की धुप रोकने के लिए कुछ स्तर तक सहायता होती है. इन उपाय योजनाओं पर निगमायुक्त ने उपस्थित अधिकारियों को जरुरी निर्देश दिये.

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