अमरावतीमुख्य समाचार

केसेस शीघ्र निपटाने पर जोर

पहली बार आयएएस बने अमरावती के एसडीओ

* रिचर्ड यानथन की सोच
अमरावती/दि.28- अमरावती के उपविभागीय अधिकारी नियुक्ति के इतिहास में पहली बार भारतीय प्रशासनिक सेवा आयएएस अधिकारी की नियुक्ति यहां हुई है. मात्र 27 बरस के रिचर्ड यानथन अमरावती में गत मंगलवार को एसडीओ के रुप में सेवारत हुए. आज अमरावती मंडल से संक्षिप्त वार्तालाप में उन्होंने कहा कि मामले के शीघ्र निपटान पर उनका जोर रहेगा. ऐसे ही दी गई जिम्मेदारियों का वे तत्परता से निर्वहन का प्रयत्न करेंगे. उल्लेखनीय है कि वे 2020 बैच के महाराष्ट्र काडर के आयएएस हैं और सातारा में प्रोबेशन पूर्ण कर उन्हें पहली नियुक्ति अमरावती में मिली है. यहां आकर खुश हैं. मराठी सीखने का उनका प्रयास जारी है.
* माँ है नागालैंड मंत्रालय की अधिकारी
्अमरावती के 29 वें एसडीओ बने मात्र 27 वर्षीय रिचर्ड यानथन के पिताजी सी.जेम्स यानथन का रिचर्ड के लड़कपन में ही निधन हो गया था. जेम्स यानथन इपीएफओ में कार्यरत थे. उनकी माताजी शिलोमेन्ला लोंगचारी नागालैंड मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी के रुप में कार्यरत हैं. उन्हें एक छोटा भाई और एक छोटी बहन है. बहन कक्षा 12 वीं की छात्रा है जबकि भाई भी एम.ए. की उपाधि पश्चात सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. रिचर्ड यानथन ने कहा कि उनका भी शुरु से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का मानस था.
* मराठी सीखने का प्रयास
नये एसडीओ ने बताया कि अमरावती में नायब तहसीलदार पी.पी. ढोले उन्हें बड़ा सहयोग कर रहे हैं. वे यहां मराठी भाषा का अभ्यास का भी प्रयत्न कर रहे हैं. सातारा में प्रोबेशन अफसर के रुप में थोड़ी बहुत स्थानीय भाषा जानने का प्रयत्न उन्होंने किया. गुवाहाटी विवि से बीटेक की उपाधि हासिल करने के बाद उन्होेंने महाराष्ट्र बैच से आयएएस की परीक्षा उत्तीर्ण की. पहली जिम्मेदारी अमरावती में मिली है. आगामी सोमवार से नियमित कामकाज की कोशिश रहेगी. केसेस का जल्द निपटारा वे करना चाहेंगे. अभी तो यहां के कामकाज की जानकारी ले रहे हैं. खेलों में भी उनकी रुचि है. मूल रुप से कोहिमा के ही रहने वाले रिचर्ड यानथन अमरावती की उनके सामने आने वाली समस्याओं को तत्परता से हल करने का प्रयत्न करेंगे. हिंदी अच्छी बोल लेते हैं. उन्होंने कहा कि एक वर्ष में वे मराठी भी भली प्रकार बोलने का प्रयत्न करेंगे. सातारा में बीडीओ, तहसीलदार और सीईओ के रुप में आपने काम किया.

Related Articles

Back to top button