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मंदिर मैनेजमेंट कोर्स पर बल

किसी भी जाति, समाज का व्यक्ति बन सकेगा पुजारी

* महाराष्ट्र मंदिर महासंघ का शनिवार को अमरावती में अधिवेशन
* प्रेस वार्ता में दी गई जानकारी
अमरावती/ दि.16– महाराष्ट्र मंदिर महासंघ का मंदिरों के संरक्षण, संवर्धन तथा मंदिर न्यासी के संगठन हेतु अगले शनिवार 2 जनवरी को सुबह 9.30 बजे से एक दिवसीय विदर्भ प्रांत अधिवेशन आयोजित है. यह जानकारी आज दोपहर आयोजित प्रेस वार्ता में संंयोजक नीलेश टवलारे ने दी. मराठी पत्रकार भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में बालाजी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एड. आरबी अटल, पिंगलादेवी संस्थान के विनीत पाखोडे, आशीष मारूडकर, नागेश्वर संस्थान के कैलाश पनपालिया, मंदिर महासंघ के अनूप जायस्वाल, विजय करडे, अशोक सोनवाल आदि उपस्थित थे.
* जिले में 35 मंदिरों में ड्रेस कोड
जिले के 35 मंदिरों में ड्रेस कोड लागू किया गया है. शहर के प्रमुख देवालयों में ड्रेस कोड लागू है. प्रेस वार्ता में बताया गया कि विदर्भ से 650 निमंत्रित न्यासी, प्रतिनिधि, पुरोहित, मंदिरों की रक्षार्थ संघर्ष करनेवाले अधिवक्ता शनिवार के सम्मेलन में सहभागी होने जा रहे है. जिनमें सनातन संस्था की धर्म प्रचारक स्वाति खाडे, पूजनीय अशोक पात्रीकर, संयोजक सुनील घनवट, भीमा शंकर संस्थान के सचिव सुरेश कोदरे, मंगलगृह संस्थान के अध्यक्ष दिगंबर महाले आदि उपस्थित रहेंगे.
* विवि से कोर्स बनाने का आग्रह
प्रश्नों के उत्तर में बताया गया कि मुंबई विद्यापीठ से मंदिर प्रबंधन पाठ्यक्रम बनाने और इसे शुरू करने का अनुरोध किया गया है. यह कोर्स करनेवाले व्यक्ति को मंदिरों में पुजारी और अन्य पदों पर नियुक्त किया जा सकेगा. जिसमें कोई जाति, समाज का बंधन नहीं रहेगा.
* शासन अधीन मंदिरों में बुरा व्यवहार
जब पूछा गया कि बडे मंदिरों में पुजारी और अन्य सेवाधारियों का भक्तों से बडा रूखा व्यवहार होता है तो उत्तर दिया गया कि जिन मंदिरों में शासन अधीन व्यवस्था लागू है, वहीं इस तरह का बुरा बर्ताव होता है. जो मंदिर शासन से परे है वहां विनम्र और सहयोगपूर्ण व्यवहार सभी भाविकों से होता है. मंदिर महासंघ ने अनेक प्रश्नों के समर्पक उत्तर इस समय दिए.

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