रोजगारक्षम शिक्षा पध्दति अमल में लायी जाये
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर शालेय शिक्षा मंत्री बच्चु कडू का कथन
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२१ – समाज के सर्वांगीण विकास हेतु सखम व कुशल मनुष्यबल निर्माण किये जाने की जरूरत है. जिसके लिए नई पीढी को रोजगारक्षम शिक्षा देना आवश्यक है. ऐसे में समाहित व प्रगती के लिए जीवन व्यवहार के विभिन्न क्षेत्रोें का पाठ्यक्रम में समावेश रहनेवाली रोजगार सक्षम शिक्षा पध्दति को अमल में लाया जाना चाहिए. इस आशय का प्रतिपादन शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चु कडू द्वारा किया गया.
जिला शिक्षण व प्रशिक्षण संस्था तथा प्रादेशिक विद्या प्राधिकरण की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के मद्देनजर विविध क्षेत्रों में नैपुण्यता प्राप्त अधिकारियों व कर्मचारियों की तीन दिवसीय ऑनलाईन कार्यशाला आयोजीत की गई थी. जिसके समारोप अवसर पर राज्यमंत्री बच्चु कडू अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. शिक्षा राज्यमंत्री बच्चु कडू के निर्देशानुसार आयोजीत इस कार्यशाला में विभिन्न मसलों पर विचारमंथन किया गया. जिसके तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति को विदर्भ के 11 जिलों में लागू करते समय यहां की कृषि व व्यवसाय सहित अन्य जरूरतों के लिहाज से इसमें सुविधापूर्ण बदलाव करने, सीबीएसई व आयसीएसई पाठ्यक्रम अच्छी चीजों को राज्य शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल करने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के साथ व्यवहारिक तालमेल बिठाते हुए विद्यार्थियों में आर्थिक व्यवहार साक्षरता निर्माण करने सहित विविध बातों पर विचारमंथन किया गया.
इस कार्यशाला के समापन अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, आज के शालेय विद्यार्थी आगे चलकर बेहतरीन जिंदगी जी सके. इस बात के मद्देनजर 20 वर्ष पश्चात कौनसी सुविधाओं की जरूरत पडेगी और उस समय किस तरह के कौशल्य जीवनोपयोगी रहेगे, इसका अध्ययन करते हुए उन तमाम बातों को आज ही पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही गई है. जिस पर विचारमंथन किया जाना बेहद जरूरी है. ऐसे में शिक्षा एवं रोजगार के बीच आपसी समन्वय साधा जाना चाहिए. इस कार्यशाला में राज्य शैक्षणिक संशोधन व प्रशिक्षण परिषद के संचालक दिनेश टेमकर, जिला शिक्षण व प्रशिक्षण संस्था के प्राचार्य मिलींद कुबडे तथा कार्यशाला के समन्वयक प्रशांत डवरे सहित नागपुर व अमरावती संभाग के सभी 11 जिलों के जिला शिक्षण व प्रशिक्षण संस्था के प्राचार्य एवं अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करनेवाले अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे.
शिक्षा का संबंध केवल नौकरी के साथ ही नहीं होता बल्कि व्यवसाय, खेती, उद्योग जैसे विविध क्षेत्रों के साथ शिक्षा जुडी हुई होती है. इस बात के मद्देनजर विद्यार्थियों का आकलन बढाने हेतु राज्य का शैक्षणिक प्रारूप तैयार किया जाना चाहिए.
– बच्चु कडू
शालेय शिक्षा राज्य मंत्री