अमरावती

केशरबाई लाहोटी में रोजगार सृजन पाठ्यक्रम

नर्सिंग, पैरामेडिकल और अस्पताल प्रबंधन कोर्स शुरु

अमरावती/दि.२४ – शिक्षा के क्षेत्र में हाल में बदलाव और रोजगार और स्व-रोजगार के अवसरों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार यूजीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्बारा विभिन्न कॉलेजों में कई बैचलर ऑफ वोकेशन कोर्स की पेशकश की गई है. इन पाठ्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को प्रत्यक्षिकों के माध्यम से सिखना है, उनकी उद्यमशीलता को बढाना है, उन्हें व्यवसाय उन्मुख बनाना है, उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है और उन्हें डिग्री प्राप्त होते ही उपलब्ध रोजगार के माध्यम से कमाने के योग्य बनाना है.
श्री गणेशदास राठी छात्रालय समिति द्बारा संचालित स्थानीय श्रीमती केशरबाई लाहोटी महाविद्यालय आज सदर्भ में वाणिज्य और कला महाविद्यालय के रुप में अग्रणी कॉलेजों में से एक है. कॉलेज ने रोजगार के क्षेत्र में क्रांति लायी है. हर साल कम से कम १०० छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के अलावा, कॉलेज उन्हें उचित मार्गदर्शन और अवसर प्रदान करता है. इसी श्रृंखला में आज की विकट स्थिति और चिकित्सा क्षेत्र की आवश्यकता को देखते हुए कॉलेज द्बारा २०२०-२१ में हेल्थ के माध्यम से स्वास्थ्य क्षेत्र में बढती मांग को पूरा करने के लिए कर्मचारियों को सर्वोत्तम कौशल्य के साथ प्रशिक्षित कर और उन्हें आसानी से रोजगार अवसर प्रदान करवाना है.
पाठ्यक्रमों के डिजाइन के साथ-साथ सैद्धांतिक तथा प्रात्यक्षिकों के सहायता से कौशल विकासर करने हेतु शहर के डॉक्टरों की मदद ली जाएगी. ताकि उन्हें व्यवहारिक बनाया जा सके. इसके अलावा इन पाठ्यक्रमों में एक लचीलापन है. ये सभी कारक प्रात्याक्षिक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. इन पाठ्यक्रमों को बडे अस्पतालों की मांग को ध्यान में रखते हुए रोजगारोन्मुख बनाया गया है. जिसका लाभ इन कोर्स में पढने वाले छात्रों को मिलेगा. इसके अलावा पाठ्यक्रम बहुत ही लचीले है. क्योंकि एनएस्नयूएफ के तहत इन छात्रों के कौशल में हर छह माह में वृद्धि होगी. इसका मतलब है कि, एक बार इसमें दाखिला लेने के बाद छात्र किसी भी समय किसी भी समय किसी भी स्तर पर पाठ्यक्रम छोड सकते है. पहले छह महीनों में उन्हें पाठ्यक्रम का प्रमाणपत्र मिलता है, अगर वह १ साल पूरा करता है तो उसे डिप्लोमा मिलता है, अगर वह २ साल पूरा करता है तो उसे एक एडवांस डिप्लोमा प्राप्त होता है और यदि व सफलतापूर्वक ३ साल पूरा करता है तो उसे स्नातक की डिग्री मिल जाएगी.
संस्था द्बारा चलाए जा रहे बी.वोक नर्सिंग में डॉक्टरों के साथ सहयोग करने के साथ-साथ प्राथमिक उपचार, प्राथमिक चिकित्सा, शरीर रचना विज्ञान और इसके कार्यों, रोगी की देखभाल, इंजेक्शन, फार्माकोलॉजी आदि को पूरा करवाया जाएगा. प्रैक्टिकल्स के साथ कम सिखाया जाएगा. यह कोर्स बीएससी नर्सिंग और जीएनएम के समान है. पाठ्यक्रम बहुत ही कम शुल्क के साथ चलाए जाएंगे. उदाहरण के लिए नर्सिंग कोर्स के लिए ५० हजार रुपए कम से कम एक साल में लगता है. लेकिन सेवा के संदर्भ में या समाज के आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों के लाभ के लिए सभी पाठ्यक्रमों का शुल्क कम रहेगा. बी. वोक पैरामेडिकल कोर्स के दौरान लैब असिस्टेंट, ओटी असिस्टेंट, आईसीयू असिस्टमेंट, एक्स-रे असिस्टेंट और हॉस्पिटल द्बारा जरुरी विभिन्न पैरामेडिकल सुविधाओं के गहन अध्ययन और प्रात्याक्षिक को कवर करेगा.
बी.वोक हॉस्पिटल मैनेजमेंट भी एक बेहद पेशेवर कोर्स है. चिकित्सा सेवाओं को सेवा क्षेत्र में अग्रणी क्षेत्र माना जाता है. बडे अस्पताल कॉरपोरेट सेक्टर में आ रहे है. चिकित्सा क्षेत्र में कई बदलाव हो रहे है. ऐसे अस्पतालों को अत्याधिक पेशेवर तरीके से संचालित करने के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता होती है. उनके इन और आउट पेंशेट संचालक से छात्रों को सामग्री प्रबंधन, लेखा, विपणन, अस्पताल ओरिएंटेशन आदि जैसे विषयों की विस्तृत श्रृंखला पर पूर्ण प्रत्याक्षिक जानकारी के साथ तैयार किया जाएगा.
इन सभी पाठ्यक्रमों में कम से कम १२ वीं कक्षा या समकक्ष छात्रों को प्रवेशित किया जा सकता है और विशेष बात यह है कि इनमें प्रवेश के लिए कोई आयु का प्रतिबंध नहीं है. जो भी रोजगार चाहता है वह इसमें शामिल हो सकता है. कई डॉक्टरों ने भी चिकित्सा क्षेत्र से संबंधित इन पाठ्यक्रमों के आने पर प्रसन्नता व्यक्त की है. चूंकि बहुत सारे रोजगारपूरक पाठ्यक्रम हैं, समाज के जरुरतमंद सदस्यों को अपील का पूरा लाभ उठाना चाहिए. ऐसा गणेशदास राठी छात्रालय समिति के अध्यक्ष वसंतकुमार मालपानी, प्राचार्य डॉ. विजय कुमार भांगडिया, कोर्स के समन्वय डॉ. आशिष मोहता, डॉ. अभा लाहोटी ने किया है. उक्त जानकारी प्रवेश समिति प्रमुख डॉ. सोनल चांडक ने दी है.

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