परदेशी भाषा शिक्षा से रोजगार के अवसर
रायसोनी विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. विनायक देशपांडे का प्रतिपादन
* जपानी भाषा और संस्कृति कार्यशाला का समापन
अमरावती/ दि. 6– परदेशी भाषा शिक्षा से उस- उस देश का रोजगार का अवसर प्राप्त होता है. इसके अलावा उस देश की संस्कृति का परिचय होता है. जिसके कारण ऐसी भाषा की शिक्षा देनेवाले अवसर का लाभ उठाना चाहिए., ऐसा प्रतिपादन जी.एच. रायसोनी विद्यापीठ अमरावती के कुलगुरू डॉ. विनायक देशपांडे ने किया. वे 9 दिवसीय जापनी भाषा और संस्कृति इस विषय पर कार्यशाला के समारोपन के समय बोल रहे थे.
यह कार्यशाला लॅग्वेज क्लब की ओर से आयोजित की गई थी. मंच पर स्टुडंट एड वेलफेअर डीन प्रो. प्रशांत अवचट तथा रजिस्ट्रार स्नेहिल जयस्वाल उपस्थित थे. इस अवसर पर विजेताओं को भेटवस्तु, स्मृति चिन्ह और प्रमाणपत्र प्रदान किया गया.
प्रथम विजेता फॉरेन्सिक सायन्स प्रथम वर्ष की छात्रा नंदिनी रंगारी को जापान से आयी भेटवस्तु प्रदान की गई. द्बितीय विजेता उसी क्लास की इश्रीका शर्मा तृतीय अभियांत्रिकी प्रथम वर्ष का विद्यार्थी यश इंगोले को सम्मानित किया गया.
इस कार्यशाला में प्रशिक्षित शुभम मोरे, हेमंत मानकर व कार्तिक सरोदे ने जापानी भाषा में नाट्य प्रस्तुत किया. इस कार्यक्रम में जी.एच. रायसोनी विद्यापीठ अंतर्गत आनेवाले सभी महाविद्यालय के शाखा प्रमुख उपस्थित थे.